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  • पद्य साहित्य का इतिहास | Padya sahitya ka itihas

    पद्य साहित्य का इतिहास: पद्य साहित्य का इतिहास अत्यंत प्राचीन और विस्तृत है। यह संस्कृत भाषा में वेदों, पुराणों, उपनिषदों, महाकाव्यों, रामायण और महाभारत, तथा अन्य धार्मिक और साहित्यिक रचनाओं में मिलता है। आदिकाल (6वीं शताब्दी ईस्वी से 12वीं शताब्दी ईस्वी): इस काल में संस्कृत भाषा का पद्य साहित्य चरम पर था। कालिदास, भवभूति, भास, और अन्य महान कवियों ने…

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  • समांतर प्लेट: संधारित्र की धारिता, सूत्र, व्यंजक | Samantar plate sandharitra

    समांतर प्लेट (पट्टीका) संधारित्र की धारिता: समांतर प्लेट (पट्टीका) संधारित्र दो धातु की प्लेटों से बना होता है, जो एक दूसरे के समानांतर होती हैं और इनके बीच एक निश्चित दूरी होती है। प्लेटों को एक परावैद्युत पदार्थ से अलग किया जाता है, जैसे कि हवा, प्लास्टिक, या सिरेमिक। धारिता (Capacitance) विद्युत क्षेत्र में ऊर्जा जमा करने की क्षमता को…

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  • श्रेणी क्रम: श्रेणी क्रम का सूत्र

    श्रेणी क्रम (shreni kram) विद्युत परिपथों में घटकों को जोड़ने का एक तरीका है। इस क्रम में, सभी घटकों को एक ही पथ में जोड़ा जाता है, जिससे धारा एक ही मार्ग से बहती है। श्रेणी क्रम के गुण: प्रतिरोध का योग: श्रेणी क्रम में जुड़े घटकों का कुल प्रतिरोध, उन घटकों के प्रतिरोधों का योग होता है। धारा: श्रेणी क्रम में जुड़े…

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  • वीरगाथा काल की विशेषताएं | Veergatha kaal ki visheshta hai

    वीरगाथा काल की विशेषता है – 1. वीर रस की प्रधानता: वीरगाथा काल की रचनाओं में वीर रस की प्रधानता है। वीरता, शौर्य, और बलिदान इस काल की रचनाओं का मुख्य विषय है। 2. ऐतिहासिकता का अभाव: वीरगाथा काल की रचनाओं में ऐतिहासिक तथ्यों की सटीकता का अभाव है। कवियों ने कल्पना और अतिरंजना का प्रयोग करके वीरता और शौर्य…

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  • Chhayawad ki Visheshtaen | छायावाद की विशेषताएं

    छायावाद परिचय छायावाद हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण युग है जो 1918 में ‘प्रसाद’ जी की ‘झरना’ कविता के प्रकाशन के साथ शुरू हुआ और 1938 तक विकसित होता रहा। यह युग द्विवेदी युग के यथार्थवाद से हटकर, कल्पनावाद और रहस्यवाद की ओर झुका। छायावाद हिंदी काव्य में रोमांस, वेदना, प्रकृति प्रेम, और आध्यात्मिकता का एक नया दौर लेकर आया।…

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  • Hasya Kavita: 3 हास्य कविता के उदाहरण

    हास्य कविता: बैठे थे हम दो बैठे थे हम दो, चारपाई पर, करते थे बातें, मनोहर। हँसी-मजाक में, बातें बढ़ीं, और हंसी से, आँखें छलकीं। इतने में, एक मक्खी आई, और नाक पर, बैठ गई। दोनों ने, मक्खी को देखा, और हँसी से, लोट-पोट हो गए। मक्खी उड़ी, और हम भी हँसे, और यही, कहानी है हमारी। दोस्ती की यारी…

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  • हास्य रस की परिभाषा और उदाहरण

    हास्य रस की परिभाषा: हास्य रस वह रस है जो किसी व्यक्ति या पदार्थ की असाधारण आकृति, वेशभूषा, चेष्टा, वाणी आदि को देखकर हृदय में विनोद का भाव उत्पन्न करता है। इसे सरल शब्दों में कहें तो हंसी पैदा करने वाला रस ही हास्य रस है। उदाहरण: आत्मस्थ हास्य रस: एक व्यक्ति अपनी पत्नी से कहता है, “तुम्हारी तुलना में तो…

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  • Hund ka niyam | हुंड का नियम

    हुंड का नियम (Hund’s Rule) हुंड का नियम एक महत्वपूर्ण भौतिकी का नियम है जो किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के विन्यास को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह नियम बताता है कि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों को पहले एक-एक कर भरते हैं, ततपश्चात ही उनका जोड़ा बनना प्रारम्भ होता है। पूर्ण रूप से आधा भरा हुआ या…

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  • प्रत्यय: परिभाषा, भेद और उदाहरण

    प्रत्यय शब्द ‘प्रति’ और ‘अय’ से मिलकर बना है। ‘प्रति’ का अर्थ है ‘साथ में’ और ‘अय’ का अर्थ है ‘चलने वाला’। इसलिए, प्रत्यय का अर्थ है ‘साथ में चलने वाला’। Pratyay ki Paribhasha | प्रत्यय – परिभाषा प्रत्यय वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के अंत में जोड़े जाते हैं और उसके अर्थ में परिवर्तन लाते हैं। Pratyay…

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  • Gurutviy Tvaran Kise Kahate Hain: गुरुत्वीय त्वरण का सूत्र

    गुरुत्वीय त्वरण किसे कहते हैं? गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की ओर गिरने वाले पिंडों के वेग में प्रति सेकंड होने वाली वृद्धि को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसे g से दर्शाया जाता है। पृथ्वी के सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान लगभग 9.8 m/s² होता है। इसका अर्थ है कि यदि कोई पिंड पृथ्वी के सतह से मुक्त रूप…

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