Hindi

  • Bio savart ka niyam kya hai | बायो सेवर्ट का नियम

    बायो-सेवर्ट का नियम एक भौतिकी का नियम है जो किसी धारावाही तार द्वारा चुंबकीय क्षेत्र का वर्णन करता है। यह नियम बताता है कि किसी धारावाही तार के किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र तार की धारा, बिंदु की दूरी और तार के खंड की दिशा पर निर्भर करता है।बायो-सेवर्ट का नियम इस प्रकार लिखा जा सकता है:B = μ₀/4π *…

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  • रूपक अलंकार: परिभाषा, उदाहरण, अर्थ

    Rupak Alankar ki Paribhasha | रूपक अलंकार की परिभाषारूपक अलंकार एक प्रकार का शब्दालंकार है जिसमें उपमेय और उपमान में पूर्ण तादात्म्य स्थापित कर दिया जाता है। दूसरे शब्दों में, उपमेय को सीधे उपमान के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, मानो उपमेय वही वस्तु है जो उपमान है। इसमें उपमा करने के लिए शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता…

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  • रूपक अलंकार: Roopak Alankar – परिभाषा, उदाहरण, अर्थ

    रूपक अलंकार (Roopak Alankar) परिभाषा:रूपक अलंकार एक प्रकार का शब्दालंकार है जिसमें उपमेय और उपमान में पूर्ण तादात्म्य स्थापित कर दिया जाता है। दूसरे शब्दों में, उपमेय को सीधे उपमान के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, मानो उपमेय वही वस्तु है जो उपमान है। इसमें उपमा करने के लिए शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है, जैसे “है”, “के…

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  • उपमा अलंकार का 10 उदाहरण

    उपमा अलंकार का प्रयोग कविता, कहानी, और अन्य साहित्यिक रचनाओं में विभिन्न प्रकार के भावों और प्रभावों को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।उपमा अलंकार के 10 उदाहरण:“मुखड़ा चाँद सा, आँखें सितारे।” (यहाँ मुखड़े की तुलना चाँद और आँखों की तुलना सितारों से की गई है।) “तेरी याद में, जलता हूँ मैं, जैसे दीपक तेल में।” (यहाँ प्रेमी की…

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  • उत्प्रेक्षा अलंकार | Utpreksha Alankar in Hindi

    उत्प्रेक्षा अलंकार परिभाषा:उत्प्रेक्षा अलंकार एक प्रकार का शब्दालंकार है। इसमें उपमेय में उपमान होने की सम्भावना या कल्पना की जाती है।उत्प्रेक्षा अलंकार उदाहरण:“सोहत ओढ़े पीत पर, स्याम सलोने गात। मनहुँ नील मनि सैण पर, आतप परयौ प्रभात।।”इस उदाहरण में, प्रियतम के पीले वस्त्रों को नीलमणि के पहाड़ और उसके श्यामल गात को प्रभातकालीन सूर्य की किरणों से उपमित किया गया…

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  • चुम्बक क्या है? | chumbak kya hai?

    चुम्बक एक ऐसा पदार्थ होता है जो अपने आसपास के क्षेत्र में चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह क्षेत्र लौह-चुम्बकीय पदार्थों, जैसे कि लोहा, निकल और कोबाल्ट को आकर्षित या प्रतिकर्षित करता है।चुम्बक दो प्रकार के होते हैं:स्थायी चुम्बक: ये चुम्बक हमेशा चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं, चाहे वे किसी अन्य चुम्बक के पास हों या न हों। स्थायी चुम्बक…

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  • Vidyut chumbkiya tarang in hindi | विद्युत चुंबकिया तरंग

    विद्युत चुंबकीय तरंग क्या है? | विद्युत चुंबकीय तरंग की परिभाषाविद्युत चुंबकीय तरंग ऊर्जा का एक रूप है जो विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों के दोलनों से बनता है। ये तरंगें प्रकाश की गति से गति करती हैं और विभिन्न लंबाईयों में आती हैं, जिनमें रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, इन्फ्रारेड प्रकाश, दृश्य प्रकाश, पराबैंगनी प्रकाश, एक्स-किरणें और गामा किरणें शामिल हैं।विद्युत चुंबकीय…

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  • Medhasoft bih nic in kya hai kaise use kare | Medhasoft bih nic in Hindi | Medhasoft bih nic in – पेमेंट स्टेटस

    Medhasoft bih nic in बिहार सरकार द्वारा छात्रवृत्ति और अन्य योजनाओं के भुगतान की स्थिति की जांच करने के लिए एक पोर्टल है। आप इस पोर्टल पर निम्नलिखित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:आपका आवेदन स्वीकार किया गया है या नहीं आपके आवेदन का भुगतान किया गया है या नहीं भुगतान की तारीख भुगतान की राशिMedhasoft bih nic in पर अपनी…

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  • प्रत्यय के भेद उदाहरण सहित

    प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ने वाले ऐसे शब्दांश होते हैं जो शब्द के अर्थ में परिवर्तन लाते हैं। प्रत्ययों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है:1. विभक्ति प्रत्यय:विभक्ति प्रत्यय शब्दों के रूप में परिवर्तन करते हैं, जैसे कि लिंग, वचन, कारक आदि। विभक्ति प्रत्ययों के 8 प्रकार होते हैं:प्रथमा विभक्ति द्वितीय विभक्ति तृतीया विभक्ति चतुर्थी विभक्ति…

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  • श्रृंगार रस – परिभाषा, उदाहरण

    श्रृंगार रस संस्कृत साहित्य में नौ रसों (भावनाओं) में से एक है। यह रस दो मुख्य रूपों में विभाजित होता है:1. संयोग श्रृंगार: प्रेमियों के मिलन और प्रेमपूर्ण लीलाओं का वर्णन। 2. वियोग श्रृंगार: प्रेमियों के विरह और उनके दुःख का वर्णन।श्रृंगार रस की परिभाषाश्रृंगार रस की व्यापक रूप से स्वीकार की गई परिभाषा इस प्रकार है:“श्रृंगार रस वह स्थायी…

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