विकृति किसे कहते हैं?
विकृति किसी वस्तु या पदार्थ के आकार, आकार या स्थिति में परिवर्तन है। यह परिवर्तन बाहरी बल या तापमान में परिवर्तन के कारण हो सकता है। विकृति दो प्रकार की होती है:
1. यांत्रिक विकृति: यह विकृति बल के कारण होती है। बल लगाने पर वस्तु का आकार, आकार या स्थिति बदल सकती है। यांत्रिक विकृति के कुछ उदाहरण हैं:
- खींचना: जब हम किसी वस्तु को खींचते हैं, तो उसकी लंबाई बढ़ जाती है।
- दबाना: जब हम किसी वस्तु को दबाते हैं, तो उसकी मोटाई बढ़ जाती है।
- मोड़ना: जब हम किसी वस्तु को मोड़ते हैं, तो उसकी आकृति बदल जाती है।
- काटना: जब हम किसी वस्तु को काटते हैं, तो उसके आकार में परिवर्तन होता है।
2. तापीय विकृति: यह विकृति तापमान में परिवर्तन के कारण होती है। तापमान बढ़ने पर वस्तु का आकार, आकार या स्थिति बदल सकती है। तापीय विकृति के कुछ उदाहरण हैं:
- धातु का पिघलना: जब धातु को गर्म किया जाता है, तो वह पिघल जाती है और तरल बन जाती है।
- पानी का उबलना: जब पानी को गर्म किया जाता है, तो वह उबल जाता है और गैस बन जाती है।
- बर्फ का पिघलना: जब बर्फ को गर्म किया जाता है, तो वह पिघलकर पानी बन जाती है।
- रबर का फैलना: जब रबर को गर्म किया जाता है, तो वह फैल जाता है।
विकृति के प्रकार:
विकृति को तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
- स्थायी विकृति: जब वस्तु को बल लगाने के बाद भी उसकी आकृति या आकार में परिवर्तन बना रहता है, तो उसे स्थायी विकृति कहा जाता है।
- अस्थायी विकृति: जब बल हटाने के बाद वस्तु अपनी मूल आकृति या आकार में वापस आ जाती है, तो उसे अस्थायी विकृति कहा जाता है।
- प्लास्टिक विकृति: जब वस्तु को बल लगाने के बाद उसकी आकृति या आकार में स्थायी परिवर्तन होता है, तो उसे प्लास्टिक विकृति कहा जाता है।
विकृति का महत्व:
विकृति का उपयोग विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, तारों को खींचकर उन्हें विभिन्न आकारों में बनाया जा सकता है। धातु की चादरों को दबाकर उन्हें विभिन्न आकारों में बनाया जा सकता है।