ऑफबाऊ का नियम (aufbau ka niyam)
ऑफबाऊ का नियम, जिसे Aufbau सिद्धांत भी कहा जाता है, इलेक्ट्रॉन विन्यास का एक सिद्धांत है जो बताता है कि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन कैसे भरते हैं। यह सिद्धांत निम्नलिखित तीन मुख्य नियमों पर आधारित है:
- इलेक्ट्रॉन ऊर्जा स्तरों में भरते हैं: इलेक्ट्रॉन पहले सबसे कम ऊर्जा वाले स्तर में भरते हैं, और फिर क्रमशः उच्च ऊर्जा वाले स्तरों में भरते हैं।
- उपकोशों में इलेक्ट्रॉन भरने का क्रम: प्रत्येक ऊर्जा स्तर में उपकोश होते हैं। उपकोशों में इलेक्ट्रॉन भरने का क्रम n + l नियम द्वारा निर्धारित होता है, जिसके अनुसार n + l का मान कम होने वाले उपकोश पहले भरते हैं।
- हुंड का नियम: एक ही उपकोश में इलेक्ट्रॉन पहले-पहले अप्रयुग्मित अवस्था में भरते हैं।
ऑफबाऊ का नियम किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन विन्यास को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह रासायनिक बंधन और अन्य रासायनिक गुणों को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ऑफबाऊ के नियम के कुछ उदाहरण:
- हाइड्रोजन (H): 1s1
- हीलियम (He): 1s2
- लिथियम (Li): 1s2 2s1
- बेरिलियम (Be): 1s2 2s2
- बोरॉन (B): 1s2 2s2 2p1
- कार्बन (C): 1s2 2s2 2p2
ऑफबाऊ के नियम के कुछ अपवाद:
ऑफबाऊ का नियम अधिकांश परमाणुओं के लिए सही है, लेकिन कुछ अपवाद भी हैं। कुछ मामलों में, इलेक्ट्रॉन ऊर्जा स्तरों के क्रम में बदलाव हो सकता है। उदाहरण के लिए, क्रोमियम (Cr) और तांबा (Cu) में, 3d और 4s उपकोशों का क्रम उल्टा होता है।