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500 Anek Shabdon ke Liye ek Shabd | अनेक शब्दों के लिए एक शब्द | One Word Substitution in Hindi
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द: वाक्य संक्षेपण
“वाक्य संक्षेपण” एक ऐसी कला है जिसमें किसी वाक्य को उसके मुख्य और महत्वपूर्ण भाव को समेट कर एक ही शब्द में परिभाषित किया जाता है। यह कला भाषा के सुंदरता और सरलता को बढ़ाती है, जिससे पाठक विचारों को स्पष्टता से समझ सकें। वाक्य संक्षेपण का उपयोग विभिन्न भाषाओं में किया जाता है और यह भाषा के विस्तारित ज्ञान को संक्षिप्त और सार्थक बनाने में मदद करता है।
हाथी को वश में रखने का विशेष लोहे का काँटा | अंकुश |
बही खाता लिखने वाला | अंकेक्षक, लेखा-परीक्षक |
बही खातों का जाँच | अंकेक्षण, लेखा-परीक्षण |
बही खातों की जाँच पड़ताल करने वाला अधिकारी | अंकेक्षा |
जो अंडे से जन्म लेता है | अंडज |
किसी कथा के अंतर्गत आने वाली कोई दूसरी कथा | अंतःकथा, अवांतर कथा |
राजभवन के अंदर महिलाओं का निवास | अंतःपुर, हरम |
मन में आप से आप उत्पन्न होने वाली प्रेरणा | अंतःप्रेरणा |
धरती और आकाश के बीच का स्थान | अंतरिक्ष |
मन में होने वाला या स्वाभाविक ज्ञान | अंतर्ज्ञान |
किसी देश के अन्दर होने वाला या उससे संबंध रखने वाला | अंतर्देशीय |
जो किसी वस्तु के अंदर दृढ़तापूर्वक वर्तमान या स्थित है | अंतर्निविष्ट |
मन (हृदय) की बात बात जानने वाला या मन में स्थित | अंतर्यामी |
जाति या कुटुंब में आपसी विवाह | अंतर्विवाह |
गुरु के साथ या समीप रहने वाला छात्र | अंतेवासी |
जो अंतिम (शूद्र) वर्ण में जन्मा हो | अंत्यज |
किसी पद्य (कविता) के अंतिम अक्षर से नया पद्य आरंभ करने का खेल | अंत्याक्षरी |
मृत्यु के बाद किया जानेवाला अंतिम संस्कार | अंत्येष्टि |
देश या राष्ट्र के प्रति आँख बंद करके प्रेम और श्रद्धा रखनेवाला | अंधदेशभक्त, अंधराष्ट्रवादी |
दूसरे देशों से द्वेष रखते हुए अपने देश के प्रति पक्षपातपूर्ण प्रेम | अंधदेशभक्ति |
देश या राष्ट्र के प्रति पक्षपातपूर्ण प्रेम | अंधराष्ट्रवाद |
अटूट प्रेम और विश्वास करनेवाला | अंधभक्त |
बिना सोचे-समझे श्रद्धा और विश्वास | अंधभक्ति |
विचारहीन विश्वास या तर्क के बिना मान लिया गया विश्वास | अंधविश्वास |
बिना सोचे-समझे विश्वास करनेवाला | अंधविश्वासी |
ऐसा युग जिसका इतिहास ज्ञान हो | अंधकार युग |
विवेकशून्य श्रद्धा | अंधश्रद्धा |
अपने ‘अंश या हिस्से’ के रूप में कुछ देना या किसी कार्य में ‘योग’ देना | अंशदान, योगदान |
जिसमें काँटे या विघ्न-बाधा न हो | अकंटक |
जो कहा न जा सके | अकथनीय |
जो कहा न गया हो | अकथित |
न कहने योग्य | अकथ्य |
न करने योग्य | अकरणीय |
जिसका कोई काट न हो | अकाट्य, अकाट |
जिसके पास कुछ भी न हो | अकिंचन, दरिद्र |
जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो | अक्षम |
क्षमा न करने योग्य | अक्षम्य |
जिसका क्षय न हो | अक्षय |
एक-एक अक्षर तक | अक्षरशः (हर्फ-ब-हर्फ) |
चतुरंगिणी सेना | अक्षौहिणी |
जिसका खंडन न किया जा सके | अखंडनीय |
जिसके खंड या टुकड़े न किये गये हों | अखंडित |
जो खाने योग्य न हो | अखाद्य |
जिसकी गणना न की जा सके | अगणित, अगणनीय, अगण्य |
जिसके अंदर या पास न पहुँचा जा सके | अगम्य |
किसी आदरणीय का स्वागत करनें के लिये चलकर कुछ आगे पहुँचना | अगवानी |
जिसकी गहराई का पता न लग सके | अगाध |
जो गाये जाने योग्य न हो | अगेय |
जिसका ज्ञान इन्द्रियों द्वारा न हो | अगोचर |
दूर तक फैलने वाली अत्यधिक नाशक आग | अग्निकांड |
गणना में जिसे आगे रखा जाये या गिनती में जिसे पहले रखा जाये | अग्रगण्य |
आगे चलनेवाला | अग्रगामी |
जिसका जन्म पहले (अग्र) हुआ हो | अग्रज |
जो सबके आगे रहता हो | अग्रणी |
किसी अनुष्ठान या पूजा में किसी का सर्वप्रथम सत्कार या पूजा | अग्रपूजा |
वह जो करने या होने वाली बात को पहले से ही सोचे | अग्रसोची |
भोजन का पहला अंश जो देवता या गाय के लिये निकाला गया हो | अग्राशन( |
सभा या सम्मेलन में प्रमुख व्यक्ति के लिये दिया गया अग्र (प्रथम) आसन | अग्रासन |
जो किसी देन या पारिश्रमिक मद्धे पहले से दे दिया जाये | अग्रिम, पेशगी |
ऐसी स्त्री से विवाह करनेवाला पुरुष जो पहले किसी और को ब्याही रही हो; वह कन्या जिसका विवाह उसकी बड़ी बहिन के पहले हो जाय | अग्रेदिधुषु |
अघ (पाप) की कमाई खाने वाला या भोजन करने वाला | अघभोजी |
जो पहले न हो या जो पूर्व में घटित न हुआ हो | अघटित |
जो हनने या घात करने योग्य न हो या निषिद्ध हो | अघ्न्य |
जो वस्तु चलने वाली न हो | अचर, अचल |
जो चिंतन करने योग्य न हो | अचिंत्य, अचिंतनीय( |
कार्य न करने की इच्छा वाला | अचिकीर्षु, आलसी |
जिसमें चेतना न हो | अचेतन |
जो स्पर्श (छुआ) न जा सके | अछूत |
जिसे स्पर्श (छुआ) न किया गया हो | अछूता |
जो छेदा न जा सके | अछेद्य |
जिसका कभी जन्म न हो | अजन्मा |
जिसका कोई शत्रु पैदा ही न हुआ हो | अजातशत्रु |
पाप के बदले मिलने वाला दुःख | अज़ाब |
जिसे कोई जीत न सका हो | अजित |
जो कुम्हलाया हुआ या मंद न हो | अजीत |
जिसे जीता न जा सके | अजेय |
जो कुछ न जानता हो | अज्ञ, अज्ञानी, अनभिज्ञ |
जो कुछ न जानता हो | अज्ञात |
जो जाना न जा सके | अज्ञेय |
जो टूट न सके | अटूट |
जो अपने स्थान से न डिगने (हटने) वाला | अडिग |
सूक्ष्म वस्तुओं का निरीक्षण | अणुवीक्षण |
मर्यादा का उल्लंघन या सीमा का अनुचित उल्लंघन | अतिक्रम, अतिक्रमण |
जिसके आने की तिथि (ज्ञात) न हो | अतिथि |
जिसका दमन करना बहुत कठिन हो | अतिदुर्धर्ष |
वृष्टि (वर्षा) की अधिकता | अतिवृष्टि |
कोई बात जो बढ़ा-चढ़ाकर कही गयी हो | अतिशयोक्ति, अत्युक्ति |
सूर्योदय से पूर्व और सूर्योदय के बाद का समय | अतिसंध्या |
बीता हुआ | अतीत |
जिसका अनुभव इन्द्रियों द्वारा न हो सकता हो | अतीन्द्रिय, इंद्रियातीत, इंद्रियागोचर ( |
जिसकी तुलना न की जा सके | अतुलनीय |
जो त्यागा (छोड़ा) न जा सके | अत्याज्य |
जो थके नहीं या न थकने वाला | अथक |
जिसकी गहराई का थाह पता न लग सके | अथाह |
जो दण्ड पाने योग्य न हो | अदंडनीय |
जो दबाया न जा सके | अदम्य |
जो देखने योग्य न हो | अदर्शनीय |
चारपाई के पैताने की वह रस्सी, जिसे बुनावट को कसी रखने के लिये करधनी के छेदों में से ले जाकर सीरो में तानकर लपेटते हैं | अदवान |
जो दूर की बात न सोच सके | अदूरदर्शी |
जो दिखायी न देता हो | अदृश्य, अलक्ष्य |
जैसा या जो पहले कभी न देखा गया हो | अदृष्टपूर्व |
जो दिये जाने योग्य न हो | अदेय |
उर्द की सुखायी हुई बड़िया | अदौरी |
वह शिशु जो अभी-अभी जन्मा है | अद्यःप्रसूत |
वह माँ जिसने अभी-अभी शिशु को जन्म दी हो | अद्यःप्रसूता |
जिसके समान कोई दूसरा न हो | अद्वितीय |
आत्मा और परमात्मा में अभेद | अद्वैत |
आत्मा व परमात्मा का द्वैत (अलग-अलग) न मानने वाला सिद्धांत | अद्वैतवाद |
जिसने किसी से ऋण लिया हो | अधमर्ण, क़र्ज़दार |
अधिकार में लाया या किया गया या जिसे अधिकार दिया गया | अधिकृत |
पर्वत के ऊपर की, समतल भूमि | अधित्यका |
किसी देश का सर्वाधिकार सम्पन्न शासक | अधिनायक |
निरंकुश शासन तंत्र राज्य | अधिनायक-तंत्र |
एक व्यक्ति की शासन व्यवस्था | अधिनायकवाद |
निरंकुश शासन में विश्वास रखने वाला | अधिनायकवादी |
विधानयिका द्वारा बनाया गया नियम अर्थात् आधिकारिक (अधि) नियम | अधिनियम |
शासन द्वारा प्राप्त अधिकारों का सूचक पत्र | अधिपत्र, अधिकार-पत्र |
मुद्रा का मूल्य बढ़ाना | अधिमूल्यन |
अतिरिक्त शुल्क | अधिशुल्क |
वह सूचना जो सरकार द्वारा निर्गत की जाये अर्थात् आधिकारिक (अधि) सूचना | अधिसूचना |
अधिकारी जो अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों की निगरानी रखे | अधीक्षक |
जिसका मुख नीचे हो | अधोमुख |
नीचे लिखा हुआ | अधोलिखित |
कमर के नीचे पहना जाने वाला वस्त्र | अधोवस्त्र, धोती, लुंगी |
नीचे हस्ताक्षर करने वाला | अधोहस्ताक्षरी |
राज्य के प्रधान शासक द्वारा दिया या निकाला गया आधिकारिक आदेश | अध्यादेश |
वह जो विद्यार्थियों को पढ़ाने या अध्यापन का कार्य करता है | अध्यापक |
वह स्त्री जिसके रहते पति दूसरा विवाह कर ले अर्थात् प्रथम विवाहिता स्त्री या ज्येष्ठा पत्नी | अध्यूढ़ा |
अध्ययन करने वाला | अध्येता |
जिसका कोई कहीं अंत न होता हो | अनंत |
जो गिना न जा सके | अनगिनत |
जिसका एक के बिना किसी दूसरे या अन्य से संबंध न होता हो, जिसका अन्य से संबंध न हो | अनन्य |
जो दूसरे पर आश्रित न हो | अनन्याश्रित |
जिसका कोई अन्य उपाय न हो | अनन्योपाय |
जिसकी चाह या परवाह (अपेक्षा) न हो | अनपेक्षित |
आग से झुलसा हुआ | अनलदग्ध |
जो न जाना गया हो | अनवगत |
पैर के अँगूठे का एक आभूषण या छल्ला, बैल की आँख का ढक्कन या पट्टी या अँधौटी | अनवट |
जो सदा से चला आ रहा हो | अनवरत |
अशन (आहार, भोजन) का त्याग (अन्) | अनशन |
जो पहले कभी न सुना गया | अनश्रुत |
जो बात सुनी न गयी हो | अनसुनी |
दूसरों के दोषों को न देखने वाला | अनसूय |
पराये में गुण-दोष न देखना या नुक्ता-चीनी न करना | अनसूया |
जिस पर आक्रमण न किया गया हो | अनाक्रांत |
जो अभी तक न आया हो या न आया हुआ | अनागत |
जिसका कोई नाथ (मालिक) न हो | अनाथ |
जिसके आदि (प्रारम्भ) का पता न हो | अनादि |
जिसका अनादर किया गया हो | अनादृत |
आदि और अंत रहित या अनादि व अनंत | अनाद्यांत |
बिना आयास (परिश्रम) किये | अनायास |
कनिष्ठा और मध्यमा के बीच की उँगली | अनामिका |
जो बार-बार न हो | अनावर्त्तक |
जो बार-बार न होता हो | अनावर्ती |
जो ढँका न हो या जो खुला न हो | अनावृत |
जो दोहराया न गया हो | अनावृत्त |
न लौटन | अनावृत्ति, मोक्ष |
वृष्टि (वर्षा) का अभाव | अनावृष्टि |
जिसका नाश न हो | अनाश्य, अविनश्वर |
जो किसी वस्तु या विषय में आसक्त न हो | अनासक्त |
किसी वस्तु या विषय पर आसक्त न होने की दशा या भाव | अनाशक्ति |
जिसे बुलाया न गया हो | अनाहूत |
जो निंदा के योग्य न हो | अनिंदनीय, अनिंद्य |
जिसका को घर (निकेत/निकेतन) न हो | अनिकेत, अनिकेतन, बेघर |
प्रत्येक पदार्थ को क्षणिक और नश्वर मानने वाला सिद्धांत | अनित्यवाद |
जिस पर कोई नियंत्रण न हो | अनियंत्रित |
जो नियमानुकूल न हो | अनियमित |
जो रुका न हो या जिसे रोका न गया हो | अनिरुद्ध |
जिसका या जिसके संबंध में कोई निर्णय न हुआ हो | अनिर्णीत |
जो वचन या वाणी द्वारा कहा न जा सकता हो | अनिर्वचनीय |
जिसका निवारण न हो सकता हो | अनिवार्य |
जो (स्त्री) घर से बाहर न निकलती हो | अनिष्कासिनी |
जो पार न किया गया हो या जिसे छुटकारा न मिला हो | अनिस्तीर्ण |
जो अनुकरण करने योग्य हो | अनुकरणीय |
किसी के पीछे-पीछे चलने वाला | अनुगामी, अनुयायी |
जिस पर अनुग्रह किया गया हो | अनुगृहीत |
पीछे चलने वाला (दास, भृत्य, नौकर) | अनुचर |
जिसका उच्चारण न किया जा सके | अनुच्चरित |
जिसका जन्म पीछे (अनु) हुआ हो वह भाई | अनुज |
जिसका जन्म पीछे (अनु) हुआ हो वह बहन | अनुजा |
जिसका उत्तर न दिया गया हो | अनुत्तरित |
जिसकी उपमा न की जा सके | अनुपम |
आर्थिक सहायता | अनुदान |
जिसका अनुभव किया जा चुका है | अनुभूत |
स्वीकृति या इजाज़त | अनुमति |
आनंद के अतिरेक से उन्मत्त या खुशी के मारे पागल | अनुमत्त |
अनुमान द्वारा प्राप्त ज्ञान, अनुमान | अनुमिति |
किसी मत या प्रस्ताव को समर्थन करने की क्रिया | अनुमोदन |
जो किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति आसक्त हो | अनुरक्त |
समान रूप वाला | अनुरूप |
नत्थी किया गया कागज़ | अनुलग्नक |
जिसका किसी प्रकार का उल्लंघन न किया जा सके या जो उल्लंघन करने योग्य न हो | अनुल्लंघनीय |
एक भाषा में कही या लिखी हुई बात को दूसरी भाषा में कहने या लिखने की क्रिया | अनुवाद |
अग्रज के विवाह से पूर्व अनुज का विवाह | अनुवेशन |
परंपरा से प्राप्त ज्ञान | अनुश्रुत |
परंपरा से कही-सुनी हुई बात या उक्ति या श्रुति परंपरा से प्राप्त कथा और ज्ञान | अनुश्रुति |
प्रसंगवश एक बात से जुड़ी हुई दूसरी बात | अनुषंग |
अनिवार्य परिणाम के रूप में आने वाला | अनुषंगी, अनुषंगिक |
किसी शुभ कार्य को विधि-विधान (नियमपूर्वक) और श्रद्धापूर्वक आरंभ करना | अनुष्ठान |
वह पत्र जो स्मरण दिलाये | अनुस्मारक |
किसी पुरुष से प्रेम करने वाली अविवाहिता या अविवाहित प्रेमिका | अनूढ़ा |
बाज़ार न लगने का दिन | अनैठ |
अन्न की अधिष्ठात्री देवी | अन्नपूर्णा |
अँगीठी जिसमें सोना, चाँदी आदि धातुएँ तपाईं जाती हैं | अन्ना, बोरसी |
दूध पिलाकर पोषण करने वाली धाय माँ | अन्ना |
जो नया न हो | अनूतन |
किसी और स्थान पर | अन्यत्र |
जिसका मन किसी दूसरी ओर लगा हो | अन्यमनस्क |
जो किसी अन्य दूसरे पर आश्रित हो | अन्याश्रित |
दूसरी माता के उदर से उत्पन्न या जन्म लेने वाला | अन्योदर, अन्योदर्य |
विवाह के पीछे वह धन जो स्त्री को उसके पिता या पति के घर से मिले | अन्वाधेय |
वह सामान जो वधू अपने पिता के घर से लाई हो | अन्वायन |
नीचे या पीछे (अप) की ओर खींचना (कर्ष) | अपकर्ष (अवनति, उतार, ह्रास) |
जिसका अपकार किया गया हो | अपकृत |
जो पढ़ा न जा सके | अपठनीय |
जो पढ़ा न गया हो | अपठित |
जो भोजन रोगी के लिये निषिद्ध हो, प्रतिकूल आहार-विहार | अपथ्य |
बिगड़ा हुआ या विकृत शब्द | अपभ्रंश |
जो पराजित न किया जा सके या जो जीता न जा सके | अपराजेय, अजेय |
दोपहर के बाद का समय | अपराह्न |
आवश्यकता से अधिक धन का ग्रहण न करना | अपरिग्रह |
जिसका विवाह न हुआ हो | अपरिणीत, अविवाहित |
जिसकी परिभाषा निश्चित न की गयी हो या जिसकी परिभाषा देना संभव न हो | अपरिभाषित |
जो मापा न जा सके | अपरिमेय, अपरिमित |
न बदलने वाला | अपरिवर्तनीय |
जिसका परिहार या त्याग न हो सके | अपरिहार्य |
सामान्य या व्यापक नियम के विरुद्ध बात | अपवाद |
वह पुत्र जो माता-पिता द्वारा त्यक्त होने पर अन्य द्वारा पालित हो | अपविद्ध (पुत्र) |
आवश्यकता या उचित मात्रा से अधिक खर्च करने वाला | अपव्ययी |
जिसके अंग दुरुस्त न हों | अपांग, अपंग |
जिसके उस पार की वस्तु को न देखा जा सके | अपारदर्शी, अपारदर्शक |
जो पहले न हो रहा हो या न हुआ हो | अपूर्व |
जो पान करने योग्य नहीं है | अपेय |
जो अभी प्रकाश में न आया हो या जिसका प्रकाशन न हुआ हो | अप्रकाशित |
जो बकवादी न हो या धृष्ट न हो | अप्रगल्भ |
जिसमें प्रतिभा का अभाव हो | अप्रतिभ |
जिसका निश्चय न हो सके | अप्रतीयमान् |
जिसकी पहले से कोई आशा न हो | अप्रत्याशित |
जो प्रमाण से सिद्ध न हो | अप्रमेय |
जो प्रशंसा के योग्य न हो | अप्रशस्त |
जो कोरा या अछूता हो, न पहना हुआ वस्त्र, न जोता हुआ खेत | अप्रहत |
जो प्राप्त न हुआ हो या न मिला हुआ | अप्राप्त |
जो प्राप्त न हो सके या जो न मिलने वाला हो | अप्राप्य |
जिसके लिये कोई बाधा या रोक-टोक न हो | अबाध |
जिसे किसी बात का बोध न हो | अबोध |
अभिगमन करने वाला या नज़दीक आने वाला | अभिगामी |
पुरुष जो अभिनय करता हो | अभिनेता |
स्त्री जो अभिनय करती हो | अभिनेत्री |
जो किसी अल्पवयस्क बच्चे या अनाथ बालक या स्त्री की देखरेख करता हो | अभिभावक |
जिस पर मत दे दिया गया हो | अभिमत |
किसी की ओर मुख किये हुए | अभिमुख |
जिस पर अभियोग लगाया गया हो | अभियुक्त |
जो किसी पर अभियोग लगाये | अभियोगी |
धातु या प्रस्तर पर अंकित ऐतिहासिक महत्त्व का लेख | अभिलेख |
प्रिय से मिलने जाना, संकेत स्थल पर पहुँचना | अभिसार |
प्रिय से मिलने के लिये (लुक-छिपकर) जाने वाली नायिका | अभिसारिका |
किसी वस्तु को प्राप्त करने की प्रबल इच्छा | अभीप्सा |
जैसा या जो पहले (घटित) न हुआ हो | अभूतपूर्व |
जो भेदा या तोड़ा ना जा सके | अभेद्य |
वस्तु का भीतरी भाग | अभ्यंतर |
कोई काम स्वभाववश करते रहने की क्रिया | अभ्यास |
जो कभी मरे नहीं | अमर, अमर्त्य |
किसी के पास रखी हुई दूसरे की वस्तु | अमानत |
जो मानव के योग्य न हो | अमानुषिक, अमानवीय |
मास के कृष्णपक्ष की पन्द्रहवीं तिथि | अमावस्या |
निष्फल या खाली न जाने वाला | अमोघ |
जिसकी याचना (माँग) न की गयी हो या बिन माँगा | अयाचित |
सूर्योदय के पूर्व का समय | अरुणोदय, ऊषाकाल, भोर, तड़का |
जिसका कोई अर्थ न हो | अर्थहीन |
छह-छह महीने में एक बार होनेवाला | अर्धवार्षिक |
वाक्य को सम्यक् अर्थ देने के लिये उदाहरण, उपवाक्य आदि के बाद लगाया जाने वाला सूचक चिह्न | अर्धविराम/अर्द्धविराम (;) |
जो इस लोक में संभव न हो | अलौकिक |
जिसका अस्तित्व अल्पकाल तक रहे | अल्पकालिक |
जिसका जीवन कम (अल्प) अवधि वाला (आयु) हो | अल्पजीवी, अल्पायु |
किसी विशिष्ट वर्ग द्वारा निरंकुश शासन व्यवस्था | अल्पतंत्र |
दूरगामी परिणाम न सोचने का भाव, संकुचित या निम्नस्तरीय विचार | अल्पदर्शन |
कोहरे, धुँध आदि के कारण अधिक दूर न देख पाने की स्थिति | अल्पदृश्यता |
संकुचित विचार वाला | अल्पदृष्टि, अदूरदर्शी |
जो कम जानता हो | अल्पज्ञ |
जो अल्प (कम) बोलने वाला है | अल्पभाषी, मितभाषी |
बहुत अल्प (कम) लोगों का मत | अल्पमत |
अल्प (कम) मेधा (बुद्धि) वाला | अल्पमेध |
अल्प भोजन करने वाला | अल्पाहारी |
अल्प (कम) उम्र का | अल्पवयस्क, नाबालिग |
जो अल्प (कम) विकसित (खिला) हो | अल्पविकसित (अधखिला) |
वाक्य के पदों में या वाक्यांशों के मध्य संक्षिप्त ठहराव या विराम का सूचक चिह्न | अल्पविराम (,) |
अल्प (कम) वृष्टि (बरसात) होना | अल्पवृष्टि |
कम जनसंख्या वाला पक्ष | अल्पसंख्यक |
जाना हुआ | अवगत |
जिसे मारना (वध) उचित न हो | अवध्य |
मूल्य को घटाने की क्रिया, मुद्रा के मूल्य में कमी करना या होना | अवमूल्यन |
जिसका वर्णन न हो सकता हो | अवर्ण्य, अवर्णनीय, वर्णनातीत |
जो अवश्य होने वाला हो | अवश्यम्भावी |
उपयुक्त अवसर का लाभ उठाने वाला | अवसरवादी |
जो वाचन (कहने) योग्य न हो | अवाच्य |
नाश रहित | अविनाश |
जिसका नाश न हो | अविनाशी, अविनश्वर |
जो अदला-बदला न जा सके | अविनिमेय |
जो बाँटा (विभक्त) न गया हो | अविभक्त |
जो बाँटा (विभक्त) न किया जा सके | अविभाज्य |
जिसका विवाह न हुआ हो | अविवाहित |
सोच-समझकर कार्य न करने वाला | अविवेकी |
जो विश्वास करने योग्य (लायक) न हो | अविश्वसनीय |
जो भूल जाने योग्य न हो | अविस्मरणीय |
जिसे भुलाया न जा सके | अविस्मृति |
जिस स्त्री का भाई, पति और पुत्र न हो अर्थात् वह स्त्री जो भ्रातृहीना, विधवा और पुत्रहीना हो | अवीरा |
बिना वेतन लिये दिये किया जाने वाला | अवैतनिक |
जो विधि के विरुद्ध हो | अवैध, अविधिक |
जो व्यय (खर्च) न किया गया हो, वह शब्द जिसके रूप में वचन, लिंग आदि के कारण कोई विकार न होता हो | अव्यय |
जो व्यवहार में न लाया गया हो | अव्यवहृत |
जो न हो सके (असाध्य), जो क़ाबू में न किया जा सके | अशक्य |
जिसे शोक न हो या जो शोकरहित हो या जो शोक करने योग्य न हो | अशोक |
जो शोक करने योग्य न हो | अशोच्य |
जो अश्व (घोड़े) का आरोही (सवार) है | अश्वारोही |
चंद्रमास के किसी पक्की आठवीं तिथि | अष्टमी |
वह पुस्तक जिसमें आठ (अष्ट) अध्याय हों | अष्टाध्यायी |
जो नहीं हो सकता | असंभव |
जो घटित न हो सकता हो, जिसके घटित होने की कोई आशा न हो सकती हो | असंभाव्य |
जिससे बात करना उचित न हो, जो कहे जाने योग्य न हो | असंभाष्य |
जिसके साथ बैठकर भोजन करना वर्जित हो | असंभोज्य |
जो संविधान सम्मत न हो या संविधान विरुद्ध हो | असंवैधानिक, असांविधानिक |
सभा के अयोग्य | असभ्य |
जो बराबर न हो | असम |
जिसमें सामर्थ्य न हो | असमर्थ |
जो समान (बराबर) न हो | असमान |
जिस (रोग) का ठीक होना कठिन हो या जो साधने योग्य न हो | असाध्य |
जो समय पर न हो या जो समय के योग्य न हो | असामयिक (बे-वक्त, बे-मौका) |
जिसकी सीमा न हो | असीम |
जो सीमित न हो | असीमित, सीमातीत |
दूसरे गुण में दूष निकालना | असूया |
जो (स्त्री) सूर्य भी नहीं देख पाती | असूर्यंपश्या |
फेंककर चलाया जाने वाला हथियार | अस्त्र |
अहंकारपूर्वक अपने को सबसे बढ़कर समझना | अहंमन्यता |
जिसका अहिवात (सौभाग्य, पति) जीवित हो | अहिवाती |
जिसमें किसी का कोई हेतु या कारण न हो | अहैतुक |
‘आ’
वाक्यांश | एक शब्द |
आँतों में होने वाला / आँत संबंधी | आंत्रिक |
अकस्मात् या एकाएक घटित होने वाला | आकस्मिक |
आकाश में गमन करने वाला | आकाशगामी |
आकाश में उड़नेवाला | आकाशचारी |
अकाश को चूमने वाला | आकाशचुंबी |
बह बात जो आकाश से सुनाई पड़ने वाली समझी जाती है | आकाशवाणी, गगनगिरा |
ऐसी वृति जिसका कुछ ठीक-ठिकाना न हो या अनिश्चित वृत्ति | आकाशवृत्ति |
जिस पर आक्रमण किया गया हो | आक्रान्त |
आक्रमण करने वाला | आक्रामक, आक्रमणकारी |
अचानक आ जाने वाला | आगंतुक |
आया हुआ | आगत |
वह नायिका जिसका पति परदेश (विदेश) से लौटा हो | आगतपतिका |
वह नायिका जिसका पति प्रदेश से आने वाला हो | आगमिस्यत्पतिका |
अग्नि से संबंधित या आग का | आग्नेय |
शुद्ध आचरण करने वाला या जो अपने आचरणों से पवित्र हो | आचारपूत |
चिंतन करने योग्य | आचिंत्य( |
जीवन भर तक | आजन्म, आजीवन, जीवनपर्यंत, जीवन-भर |
जिसकी भुजाएँ जानु (घुटने) तक लम्बी हों | आजानुबाहु |
पूरे जीवन में या जीवन भर | आजीवन |
जिस पर किसी का आतंक छाया हो | आतंकित |
अतिथि की सेवा करने वाला / अतिथि का सत्कार करने वाला | आतिथेय |
अत्याचार करने वाला | आततायी |
अतिथि सत्कार | आतिथ्य |
अपना ही पेट पालने वाला | आत्मंभरि |
अपने जीवन की कथा (आपबीती) | आत्मकथा |
अपने आप में खेद होना | आत्मग्लानि |
जो अपनी हत्या कर लेता है | आत्मघाती, आत्मघातक, आत्महंता |
अपने पर भरोसा करने वाला या जो अपने पैरों पर खड़ा हो | अंत्म-निर्भर, आत्मावलंबी |
स्वयं को धोखा देने वाला | आत्म-वंचक |
अपने साथ ठगी या स्वयं के साथ धोखा करना | आत्म-वंचना, आत्म-प्रवंचना |
किसी परिस्थिति विशेष के कारण अपने को बेचकर दासत्व ग्रहण करने वाला | आत्मविक्रयी |
अपने आप को मार डालना | आत्महत्या, आत्मघात |
अपने आप को किसी के हाथ सौंपना या समर्पित करना | आत्मसमर्पण |
जो स्वयं (आत्म) का मत (अभिमत) मानने वाला हो | आत्माभिमत (आत्म-अभिमत), स्वमतामनुयायी |
दूसरों के (सुख के) लिए अपने सुखों का त्याग | आत्मोत्सर्ग |
आदर के योग्य | आदरणीय |
यह सिद्धान्त कि मनुष्य को सदा किन्हीं आदर्शों का पालन करते रहना चाहिए | आदर्शवाद |
किसी मत का सर्वप्रथम प्रवर्तन करने वाला | आदि प्रवर्तक |
किसी देश के वे निवासी जो बहुत पहले से वहाँ रहते आ रहे हैं | आदिवासी |
आदि से लेकर अंत तक | आद्योपान्त, आद्यन्त |
अधिकारपूर्वक कहा गया या किया गया | आधिकारिक |
दैव अथवा प्रकृति द्वारा होने वाला (दुःख) | आधिदैविक |
भूतों अर्थात् जीवों द्वारा होने वाला (दुःख) | आधिभौतिक |
किसी वस्तु को आधुनिक रूप देने की क्रिया | आधुनिकीकरण |
आत्मा और ईवर से संबंध रखने वाला | आध्यात्मिक |
जो किसी वंश में बराबर चलता आया है | आनुवंशिक |
आप से आप घटित होने वाला, अनावश्यक रूप से साथ होने वाला (सहवर्ती) | आनुषंगिक |
जिसे परंपरा से सुनते चले आये हों | आनुश्राविक |
विवशता में किया जाने वाला वर्जित कर्म | आपद्धर्म |
अपराधों से संबंधित | आपराधिक |
पैर से लेकर सिर तक | आपादमस्तक |
जिसकी कामनाएँ या इच्छाएँ पूरी हो गई हों | आप्तकाम, कृतकाम, पूर्णकाम |
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब | आबालवृद्ध |
आभार मानने वाला | आभारी |
मरते दम तक या मरण तक | आमरण |
प्राणियों के पेट की वह थैली जिसमें भोजन पचता है | आमाशय |
आरंभ से | आमूल |
एड़ी से चोटी तक | आमूलचूल |
एक देश द्वारा दूसरे देशों से वस्तुओं का मँगाया जाना | आयात |
वह जो दूसरे देशों से वस्तुओं का आयात करता हो | आयातक |
आयोजन करने वाला व्यक्ति | आयोजक |
धन से संबंध रखने वाला | आर्थिक |
ऋषियों का या ऋषियों का बनाया हुआ | आर्ष |
जो किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण-दोष की आलोचना करता हो | आलोचक |
जो आलोचना के योग्य हो | आलोच्य |
किसी अवधि से संबंध रखने वाला | आवधिक |
जन्म-मरण का चक्र, आना-जाना | आवागमन |
आशा से बहुत अधिक / आशा से अतीत (अधिक) / आशा से परे | आशातीत |
जो भविष्य के प्रति आशावान हो | आशावादी |
वह कवि जो तत्काल कविता कर डालता है | आशुकवि |
तुरंत (आशु) प्रसन्न (तोष) होने वाला | आशुतोष (शिवजी) |
वह क्लर्क जो आशुलिपि (शार्ट हैंड) जानता है | आशुलिपिक |
आश्रय या सहारा या शरण देने वाला | आश्रयदाता |
जिसे विश्वास या दिलासा दिलाया गया हो | आश्वस्त |
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास है | आस्तिक |
कर्म का जीव की ओर आकर्षित होना (जैन सिद्धांत) | आस्रव |
कुछ समय के लिये धरोहर के रूप में रखा हुआ दास | आहितक |
बुलाया गया | आहूत |
‘इ’ और ‘ई’
वाक्यांश | एक शब्द |
वह डिबिया या पात्र जिसमें सौभाग्यवती स्त्रियाँ इंगुर (ईंगुर) या हिंगुल रखती हैं | इंगुरौटी, सिंधौरा |
इंद्र को जीतने वाला | इंद्रजित |
प्रायः वर्षा ऋतु में आकाश में दिखायी देने वाले सात रंगों वाले धनुष | इंद्रधनुष |
इंद्रियों को वश में रखने वाला | इंद्रियजित् |
इंद्रियों पर किया जाने वाला वश या इंद्रियों और काम इच्छाओं को वश में रखना | इंद्रियनिग्रह, इंद्रियदमन |
जो इंद्रियों की पहुँच से बाहर हों / इंद्रियों से परे | इंद्रियातीत |
अपनी इच्छा के अनुसार सब काम करने वाला | इच्छाचारी |
इच्छा के अनुसार रूप धारण करने वाला | इच्छाधारी |
जो इच्छा के अधीन है | इच्छाधीन |
किसी चीज या बात की इच्छा रखने वाला | इच्छुक |
जिसका करना उचित हो, करने के लिये जो आवश्यक हो | इति कर्त्तव्य |
किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया (वृत्त) वर्णन | इतिवृत्त |
अपराधी जिसका ब्यौरा पुलिस में हो | इतिवृत्ती |
यही सिद्ध करना था | इति सिद्धम्, इति कृतम् |
किसी देश या समाज के सार्वजनिक क्षेत्र की घटनाओं, तथ्यों आदि का क्रमबद्ध विवरण | इतिहास |
इतिहास लेखक | इतिहासकार |
इतिहास का जानकार | इतिहासज्ञ, इतिहासवेत्ता |
प्रायः वर्षा ऋतु में आकाश में दिखायी देने वाला सात रंगों वाला धनुष (चाप) | इंद्रधनुष, इंद्रचाप |
इमारत के लिये या इमारत से संबंधित | इमारती |
चाहा हुआ या जिसकी आकांक्षा हो | इष्ट, वांछित, इच्छित |
जिसकी ईप्सा या इच्छा की गयी हो | ईप्सित |
पूर्व और उत्तर के बीच का कोण | ईशान |
बहुत कम छुआ हुआ | ईषत्पृष्ट |
दूसरों की उन्नति को न देख सकना | ईर्ष्या, डाह, जलन |
जो दूसरों की उन्नति देखकर जलता हो | ईर्ष्यालु |
‘उ’
वाक्यांश | एक शब्द |
कर्ज (ऋण) से मुक्त (रहित) | उऋण |
क्षत्रिय पिता और शूद्र माता की संतान | उग्र |
जिससे बढ़कर ऊँचा कोई न हो | उच्चतम |
बहुत आगे बढ़ जाने की आकांक्षा | उच्चाकांक्षा |
खाने से बचा हुआ जूठा भोजन | उच्छिष्ट |
जो किसी नियम का पालन न करे या बंधन न मानने वाला | उच्छृंखल |
ऊपर आने वाला श्वास | उच्छ्वास |
नीचे की ओर आना या जाना | उतरना |
संकेत स्थल पर प्रिय के न मिलने से चिंता करने वाली या तर्क करने वाली या उत्कंठित (अधीर, बेचैन) नायिका, प्रिय मिलन के लिये बेचैन नायिका | उत्कंठिता |
ऊपर की ओर उछाला या फेंका हुआ | उत्क्षिप्त |
जिसने ऋण दिया हो | उत्तमर्ण, ऋणदाता |
जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो | उत्तरदायी |
किसी के हट जाने के बाद उसकी संपत्ति या पद को ग्रहण करने वाला व्यक्ति | उत्तराधिकारी |
सूर्य का मकर रेखा से उत्तर की ओर आभासी संचलन, छः माह की अवधि जब सूर्य की आभासी गति कर्क रेखा की ओर रहती है | उत्तरायण |
परीक्षा में सफल | उत्तीर्ण |
वह वस्तु जिसका उत्पादन हुआ हो | उत्पाद |
बिना दाँत वाला | उदंत |
सूर्य जिस पर्वत के पीछे निकलता है | उदयाचल |
अपना पेट पालने के लिये दास बनने वाला | उदरदास |
जिसका चित् या हृदय या मन उदार हो | उदार-चेता, उदार-चरित, उदार-हृदय, उदारमना |
हमेशा ऊँचा उठने की इच्छा रखने वाला | उदीशा |
जो धरती फोड़कर जन्मता हो | उद्भिज्ज (उद्भिद्) |
उपकार करने वाला या भलाई करने वाला | उपकारी, उपकारक |
जिस पर उपकार किया गया हो | उपकृत |
पर्वत के पास की भूमि | उपत्यका, तराई |
जिसे ऊपर कहा गया हो | उपर्युक्त, पूर्वकथित |
निंदासूचक हँसी या खिल्ली उड़ाना | उपहास |
जो उपहास के योग्य हो | उपहासास्पद |
जल और थल दोनों में रहने वाला | उभयचर |
छाती या हृदय या पेट के बल चलने वाला | उरग (सर्प) |
जो भूमि उपजाऊ हो | उर्वरा |
उल्लेख किया हुआ | उल्लिखित |
जिसका उल्लेख करना आवश्यक हो या उल्लेख करने योग्य | उल्लेखनीय, उल्लेख्य |
सूर्योदय से पहले का समय | उषाकाल |
‘ऊ’
वाक्यांश | एक शब्द |
ऊपर की ओर जाने वाला | ऊर्ध्वगामी |
ऊँचे स्वर में उच्चारण किया हुआ | ऊर्ध्वोच्चरित (ऊर्ध्वोच्चारित) |
वह जो अपना वीर्यपात न होने दे या पूर्ण (अखंड) ब्रह्मचारी | ऊर्ध्वरेता |
जिसका जन्म गर्मी (ऊष्णता) से हो | ऊष्मज |
जिस भूमि में कुछ उत्पन्न न होता हो | ऊसर |
अनिश्चय की स्थिति में मन में उत्पन्न होनेवाला तर्क-वितर्क, विचार-द्वंद्व | ऊहापोह |
तर्क-वितर्क योग्य | ऊह्य, ऊहनीय |
‘ऋ’
वाक्यांश | एक शब्द |
उत्तराधिकार में मिलने वाली जायदाद | ऋक्थ, दायधन |
वह जो विरासत का वारिस या उत्तराधिकारी हो | ऋक्थभागी |
पद्य में रचा हुआ वेद मंत्र | ऋचा |
वह जिसका दायित्व किसी पर हो, कर्ज या उधार लिया गया धन | ऋण |
वह ऋण जो दूसरा ऋण चुकाने के लिये लिया जाय या कर्ज चुकाने के लिये लिया जाने वाला कर्ज | ऋणार्ण |
वह जिसने उधार लिया हो | ऋणी |
सत्य को धारण एवं पालन करने वाला | ऋतंभर |
सदा एकरस रहने वाली बुद्धि | ऋतंभरा |
यज्ञ कराने वाला | ऋत्विज |
ऐसी स्त्री जिसमें पुरुष का सा रंग ढंग हो या मर्दानी औरत | ऋषभी |
‘ए’
वाक्यांश | एक शब्द |
जिसका संबंध किसी एक देश से हो | एकदेशीय |
किसी एक पक्ष से संबंध रखने वाला | एकपक्षीय |
दिन में एक बार भोजन करने वाला | एकभुक्त |
एक बार में दिया हुआ, एक साथ या इकट्ठा | एकमुश्त |
जहाँ कोई दूसरा न हो या निर्जन स्थान | एकांत |
अन्य से संबंध न रखने वाला | एकांतिक |
एक आँख वाला | एकाक्ष, काना |
जिसका चित्त एकामित हो | एकाग्रचित्त |
चांद्रमास के किसी पक्ष की ग्यारहवीं तिथि | एकादशी |
किसी वस्तु के क्रय-विक्रय का अकेला अधिकार | एकाधिकार |
‘ऐ’
वाक्यांश | एक शब्द |
इंद्रियों से संबंधित | ऐंद्रिय, ऐंद्रियक |
इंद्र की पत्नी | ऐंद्री |
एक ही अर्थ होने का भाव | ऐकार्थ्य |
जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो | ऐच्छिक |
इतिहास से संबंधित | ऐतिहासिक |
जो रूप बदलकर विकट और विलक्षण कार्य करता हो | ऐयार |
इंद्र का सफेद हाथी | ऐरावत |
इस लोक से संबंध रखने वाला | ऐहलौकिक, ऐहिक |
‘ओ’ और ‘औ’
वाक्यांश | एक शब्द |
ओज (बल, शक्ति व तेज) से परिपूर्ण | ओजस्वी, ओजपूर्ण |
जो आँख से दूर हो जाये | ओझल |
झाड़-फूँक की क्रिया | ओझाई |
पका हुआ चावल | ओदन |
जो खाने योग्य हो | ओदनीय |
गर्भ धारण करने योग्य भैंस | ओसर |
जिस किसी पद पर हो | ओहदेदार, पदाधिकारी |
उदारतापूर्वक दान देने वाला | औढरदानी |
उदर (पेट) से संबंध रखने वाला | औदर, औदरिक |
उदर संबंधी | औदर्य |
जो सब कुछ उदारतापूर्वक देना जानता हो | औदार्यदाता |
उद्योग संबंधी | औद्योगिक |
उपचार या ऊपरी दिखावे के रूप में होनेवाला | औपचारिक |
जिसका संबंध उपनिवेश या उपनिवेशों से है | औपनिवेशिक |
उपनिषद् संबंधी | औपनिषदिक |
जिसका संबंध उपन्यास से हो | औपन्यासिक |
अपनी विवाहिता पत्नी से उत्पन्न (पुत्र) | औरस |
मृत व्यक्ति से संबद्ध | और्ध्वदैहिक |
ऊँट से प्राप्त होने वाला | औष्ट्रिक |
‘क’ वर्ण
‘क’
सारे शरीर की हड्डियों का ढाँचा | कंकाल |
काँटों या बाधाओं से भरा हुआ | कंटकाकीर्ण, कंटकित |
सिद्धार्थ गौतम के अश्व का नाम | कंथक |
जो कहा गया है | कथित |
पद, वय आदि के विचार से औरों की अपेक्षा छोटा | कनिष्ठ |
दस साल की कुमारी | कन्या |
जिसकी ग्रीवा (गर्दन) कपोत (कबूतर) की तरह सुंदर हो | कपोत-ग्रीवा |
एक प्रकार का नमक जो समुद्र के पानी के निकाला जाता है, समुद्री नमक | करकच |
जो किये जाने या करने योग्य हो | करणीय, कर्त्तव्य |
पर दुःख से हृदय में उत्पन्न द्रवित भाव | करुणा |
कान का नीचे लटकता हुआ कोमल भाग | कर्णपाली |
जो कर्त्तव्य से च्युत हो गया है | कर्त्तव्यच्युत |
बहुत काम करते रहने वाला | कर्मठ |
कर्मों का परिणाम, पूर्वजन्म के किये हुए शुभ और अशुभ कर्मों का भला और बुरा फल | कर्मविपाक, कर्मफल, कर्मभोग |
काम बगाड़ने वाला या कर्म में व्यवधान डालने वाला | कर्मोपघाती, कर्मनाशी |
हाथी का शावक (बच्चा) | कलभ, गजशावक |
सिर्फ़ कलम चलाकर जीविका चलाने वाला | कलमजीवी |
अत्यधिक श्रेष्ठ और सुंदर रचना | कलम तोड़ना |
नायिका जो पति से झगड़ा करके पछताती हो | कलहाँतरिता |
झगड़ालू स्त्री | कलहिनी |
कलह करने वाला | कलही |
जो कला जानता है या कला की रचना करता है | कलाविद्, कलाकार |
चार युगों में से चौथा कलह का युग | कलियुग |
फूल जो अभी खिला न हो | कली |
कल्पना से उत्पन्न हुआ या मन गढ़ंत | कल्पना-प्रसूत |
जो कल्पना से परे हो या जिसकी कल्पना न की जा सके | कल्पनातीत |
स्त्री जो कविता रचती है | कवयित्री |
वह पुरुष जो कविता या काव्य की रचना करता है | कवि |
कष्ट सहने वाला | कष्टसहिष्णु |
जो कठिनाई से किया जा सके | कष्टसाध्य |
जिसने कोई कसूर किया हो | कसूरवार |
शंख जैसी ग्रीवा वाली | कांबुग्रीवा |
बाँस की बनी बड़ी तराज़ू जिसे कंधे पर रखकर दोनों ओर जलपात्र (गंगाजल) टाँगकर तीर्थयात्रा की जाती है | काँवर |
संयोगवश तथा सहसा हो जाने वाला | काकतालीय |
एक संतान को जन्म देकर बांझ हो जाने वाली स्त्री | काकबंध्या |
वायुयान में चालक के बैठने की सीट | कॉकपिट |
भय, दुःख, प्यास से घबराया हुआ | कातर, अधीर |
अविवाहिता से उत्पन्न संतान | कानीन |
तांत्रिक जो अपने हाथ में कपाल (खोपड़ी) लिये रहते हैं | कापालिक |
जिसे अनेक काम करने हों | कामकाजी |
जिससे काम निकल जाये | कामचलाऊ |
काम से जी चुराने वाला | कामचोर, निकम्मा, आलसी |
किसी वस्तु विशेष की सामान्य इच्छा या अभिलाषा या वांछा | कामना |
इच्छानुसार कोई भी आकार लेना | कामरूप |
जहाँ पर अपराधी रखे जाते हैं | कारागार, जेल, कारागृह, जेलखाना |
कारागार से संबंध रखने वाला कार्य करने वाला | कारागारिक |
कार्य करने वाला व्यक्ति | कार्यकर्त्ता |
किन्हीं निश्चित कार्यों के निर्वाह के लिए बनायी गयी समिति | कार्यसमिति |
किसी निश्चय को कार्यरूप में बदलना | कार्यान्वय, कार्यान्वयन |
जैसे-तैसे समय बिताना या दिन काटना | कालयापन |
जो काल से परे हो | कालातीत |
नियमविरुद्ध या निंदनीय कार्य करने वालों की सूची | कालीसूची |
जिसे यह न जान पड़ता हो कि क्या करूँ और क्या न करूँ | किंकर्तव्यविमूढ़ |
वह बात जो जन साधारण में चलती आ रही है | किंवदंती |
दस से पंद्रह वर्ष की बालिका | किशोरी |
जिसकी अब कीर्ति शेष रह गयी हो | कीर्तिशेष |
लता-झाड़ियों से आच्छादित मंडप | कुंज |
किसी वस्तु को देखने अथवा सुनने की प्रबल इच्छा | कुतूहल, कौतूहल |
जिस लड़के का विवाह न हुआ हो | कुमार, कुँवारा, अविवाहित |
जिस लड़की का विवाह न हुआ हो | कुमारी |
दुराचारिणी स्त्री | कुलटा |
अपने ही कुल का नाश करने वाला व्यक्ति | कुलांगार |
जो अच्छे या ऊँचे कुल में उत्पन्न हुआ हो | कुलीन |
जिसकी बुद्धि कुशा की नोक (कुशा के अग्र) के समान तीखी हो | कुशाग्रबुद्धि |
छिपी हुई चाल या गुप्त चाल, राजनीतिज्ञों व राजदूतों की कला | कूटनीति |
व्यक्ति जिसका ज्ञान अपने ही स्थान तक सीमित हो | कूपमंडूक |
किये हुए उपकार को भूल जाने वाला | कृतघ्न, एहसान फ़रामोश |
किये हुए उपकार को मानने वाला | कृतज्ञ |
जो अपना उद्देश्य सिद्ध होने पर संतुष्ट हो | कृतार्थ, कृत-कृत्य |
जिसकी उत्पत्ति स्वभावगत न हो | कृत्रिम |
कठिनाई से धन व्यय करने वाला | कृपण (सूम, कंजूस) |
अँधेरी रातों वाला पखवारा | कृष्णपक्ष |
जो केन्द्र से हटकर दूर जाता हो | केन्द्रापसारी |
जो केन्द्र की ओर उन्मुख होता हो | केन्द्राभिमुख, केन्द्राभिसारी |
विशुद्ध आत्मा या जो पाप-पुण्य, हर्ष-विषाद से मुक्त शुद्ध स्वभाव वाला हो | केवलात्मा |
सुन्दर और बड़े बालों वाली (स्त्री) | केशिनी |
केश (बाल) काटने (कर्तन) करने की दुकान | केशकर्तनालय, नाई की दुकान |
केश के बालों को सजाने-सँवारने का काम | केशविन्यास, केशसज्जा |
श्रीराम के धनुष का नाम | कोदंड |
कुंती के पुत्र | कौंतेय (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन और कर्ण) |
भगवान विष्णु / श्रीकृष्ण की गदा का नाम | कौमोदकी |
ठीक अपने क्रम से आया हुआ | क्रमागत |
क्रम के अनुसार | क्रमानुसार |
जो क्रय किया गया हो या ख़रीदा हुआ | क्रीत |
क्रय किया हुआ पुत्र | क्रीतक |
क्रय किया हुआ दास | क्रीतदास |
मन में अप्रिय भावों का सूचक | क्लेश |
‘क्ष’
वाक्यांश | एक शब्द |
क्षण भर में नष्ट होने (टूट-फूट जाने) वाला | क्षणभंगुर, क्षणिक |
अत्यधिक घायल और लहूलुहान | क्षत-विक्षत |
चातुर्वर्ण्य व्यवस्था में से रक्षा कर्म से सम्बद्ध वर्ण | क्षत्रिय |
क्षत्रिय पुरुष की भार्या | क्षत्राणी |
क्षमा किये जाने योग्य | क्षम्य |
क्षमा याचना करने वाला | क्षमाप्रार्थी |
क्षमा करने वाला | क्षमावान्, क्षमाशील |
जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते हुए दिखायी पड़ें | क्षितिज |
जिसका हाथ बहुत तेज चलता हो | क्षिप्रहस्त |
क्षीण (दुर्बल) शरीर (काया) वाला | क्षीणकाय |
क्षुधा (भूख) से आतुर | क्षुधातुर |
नियोग प्रथा से उत्पन्न संतान | क्षेत्रज |
मूल रचना में दूसरों द्वारा जोड़े जाने वाला अंश | क्षेपक |
‘ख’
वाक्यांश | एक शब्द |
छोटी कथा पर आधारित काव्य, लघु काव्य | खंडकाव्य |
गिरे हुए मकान का अवशेष | खंडहर, खंडगृह |
जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो | खंडित |
ऐसा ग्रहण जिससे सूर्य अथवा चंद्र का बिम्ब पूर्णरूप से ढँक जाये, सूर्य या चंद्रमा का पूर्ण ग्रहण | खग्रास |
जिसके हाथ में खड्ग (तलवार) हो | खड्गहस्त |
नायक का प्रतिद्वंद्वी | खलनायक |
दुर्गुणों और प्रतिपक्षी नेतृत्व करने वाली नायिका | खलनायिका |
जिसके सिर पर बाल न उगे | खल्वाट |
किसी के घर की होने वाली तलाशी | खानातलाशी |
जो खाने योग्य हो | खाद्य |
एक विशेष प्रकार के शीशे का बना हुआ वह यंत्र जिससे छोटी वस्तु बहुत बड़ी दिखायी पड़ती है | खुर्दबीन, अणुवीक्षण यंत्र, सूक्ष्मदर्शक यंत्र |
जो ख (आकाश) में चलता है | खेचर |
ऐसा जो अन्दर से खाली हो | खोखला |
‘ग’
वाक्यांश | एक शब्द |
गंगा और यमुना के जल के मेल के दो तरह के रंग का या गंगा और जमुना के मेल की तरह | गंगा-जमुनी |
जिसके सिर से बाल झड़ गये हों | गंजा, खल्वाट |
अवास्तविक वस्तु या बात, असंभव बात | गगनकुसुम, गगनवाटिका आकाशकुसुम, आकाशपुष्प, शशशृंग |
आकाश में उड़ने वाले पक्षी आदि | गगनचर |
गगन को चूमने वाला | गगनचुंबी |
आकाश को भेदने वाला, प्रचंड | गगनभेदी |
गगन को स्पर्श करने वाला | गगनस्पर्शी |
गज (हाथी) के समान मंद गतिवाली | गजगामिनी |
कपड़े में बँधा हुआ सामान, छोटा गट्ठर | गठरी |
गणित शास्त्र का जानकार | गणितज्ञ |
परंपरा से चला आता हुआ | गतानुगत |
परंपरा के अनुसार चलने वाला, लकीर का फकीर | गतानुगतिक, अंधानुयायी, परंपरावादी |
निरंतर चलने या बढ़ने वाला | गतिशील, गत्यात्मक |
जो किसी की गद्दी पर (आकर) बैठा हो | गद्दीनशीन |
बहुत गप्पें हाँकने वाला | गपोड़िया |
जो कठिनता से और देर में पचे | गरिष्ठ |
जिसके पेट में बच्चा हो | गर्भवती, गर्भिणी |
गाय आदि पशुओं के गले के नीचे लटकने वाला भाग, झालर, लहर | गलकंबल |
गंगा से संबंधित या गंगा से उत्पन्न | गांगेय |
अर्जुन को अग्निदेव द्वारा दिया गया धनुष | गांडीव |
जिस पशु के पेट में बच्चा हो | गाभिन |
गिरि (पर्वत) की पुत्री (जा) | गिरिजा, गिरिसुता (पार्वती) |
अंग्रेजी शासनकाल में शर्त या इकरारनामा (गिरमिट) के साथ किसी उपिनवेश में गया हुआ भारतीय मजदूर | गिरमिटिया |
गिरि (गोवर्धन पर्वत) को धारण करने वाले | गिरिधर, गिरिधारी (श्रीकृष्ण) |
ऐसा नाटक जिसमें पद्य की प्रधानता हो | गीतिरूपक, गीतिनाट्य |
जो कुछ भी बोल न सके | गूँगा |
अज्ञात सजातीय वर्ण से उत्पन्न पुत्र, जिसके पिता का पता न हो | गूढ़ज, गूढ़जात |
घर में दासी से उत्पन्न दास | गृहज, गृहजात, गृहेजात |
गृह बसाकर रहने वाला | गृहस्थ, गृही |
घर या देश के अन्दर की आपस के लोगों या दलों की लड़ाई | गृहयुद्ध |
नये बनवाये घर में पहले-पहल होने वाला प्रवेश | गृहप्रवेश |
जो कानून के विरुद्ध हो | गैरकानूनी |
जिसका ज्ञान इन्द्रियों (गो) द्वारा हो सके | गोचर |
जो इंद्रिय (गो) ज्ञान से परे हो | गोतीत |
संध्या काल जब गायें चरकर लौटती हैं, रात और संध्या के बीच की वेला | गोधूलि |
जिसे दूसरे से छिपाकर रखना आवश्यक हो | गोपनीय |
गायों को पालने और रखने का स्थान | गोशाला |
गाँव से संबंधित | ग्रामीण |
‘घ’
वाक्यांश | एक शब्द |
बहुत-सी घटनाओं का सिलसिला | घटनावली |
वह व्यक्ति जो दूसरों के घरों में फूट डालता हो | घरफोड़ा (घरफोरा) |
घास खोदने (छीलने) और बेचनेवाला | घसियारा |
नदी के घाट पर बैठकर नहाने वालों से दान-दक्षिणा लेने वाला ब्राह्मण, घाट का मालिक | घाटिया |
घास-फूस या मिट्टी व खपड़ैल का बना कमरा जहाँ पर पशुओं को बाँधा जाता है | घारी |
अस्पष्ट या न पढ़ी जा सकने वाली लिखावट, कम जगह में अधिक आदमियों या वस्तुओं का जमाव या भींड़-तंगी | घिचपिच |
मन के भावों को गुप्त रखने वाला | घुन्ना, चुप्पा |
कूड़े-करकट के ढेर (घूर) से अनाज के दाने चुनकर अपना निर्वाह करने वाला व्यक्ति | घुरबिनिया |
घुलने योग्य पदार्थ | घुलनशील |
कूड़े-करकट का ढेर; वह गड्ढा जिसमें घर का कूड़ा-करकट, गोबर इत्यादि इकट्ठा किया जाता है और बाद में उसको खाद के रूप में उपयोग किया जाता है | घूर |
घूस लेने वाला | घूसखोर, भ्रष्ट, रिश्वतखोर |
जिसे देखकर घृणा उत्पन्न होती हो | घृणित |
घृणा करने वाला | घृणी |
घृणा किये जाने योग्य | घृण्य, घृणास्पद |
किसी के इर्द-गिर्द घेरा डालने की क्रिया | घेराबंदी |
जिसकी घोषणा की गयी हो | घोषित |
‘च’ वर्ग
‘च’
वाक्यांश | एक शब्द |
चन्द्रमा की वह स्थिति जब उस पर पृथ्वी की छाया पड़ने से उसका कुछ या सारा भाग दिखायी नहीं देता | चंद्रग्रहण |
जिसके चूड़ा (बालों) में चंद्रमा है | चंद्रचूड़ |
जिसके सिर पर चन्द्रमा है | चंद्रशेखर (शिव) |
रावण की तलवार का नाम | चंद्रहास |
सेना का वह भाग जो सबसे पीछे रहता है | चंडावल |
जो चक्र को धारण करता है | चक्रधर |
जिसके पाणि (हाथ) में चक्र (सुदर्शन) है | चक्रपाणि (विष्णु, श्रीकृष्ण) |
सार्वभौम शासक या समुद्रपर्यंत पृथ्वी का अधिपति | चक्रवर्ती, सम्राट |
ब्याज का वह प्रकार जिसमें मूल के ब्याज पर भी ब्याज लगता है | चक्रवृद्धि ब्याज |
आँखों को भाने वाला या अच्छा लगने वाला | चक्षुष्य |
चार भागों में से एक भाग | चतुर्थांश |
चांद्रमास के किसी पक्ष की चौथी तिथि | चतुर्थी, चौथ |
चांद्रमास के किसी पक्ष की चौदहवीं तिथि | चतुर्दशी, चौदस |
जिस (देवता) की चार भुजाएँ हैं | चतुर्भुज |
जिनके चार-चार पैर होते हैं | चतुष्पद, चौपाया |
ऐसा काव्य जिसमें गद्य और पद्य का मिश्रण हो | चम्पूकाव्य |
जो जीव चलने वाला हो | चर |
कमल के समान (सुन्दर) चरण | चरणकमल |
वह जल जिसमें किसी देवी-देवतादि के पद-प्रक्षालन करके प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है | चरणामृत, चरणोदक |
जो चर्चा का विषय हो, जिसकी चर्चा की गयी हो | चर्चित |
जो वस्तु एक ही स्थान पर न रहे अर्थात् जो चल रहा हो | चल |
जो चलता हो या चलने वाला | चलायमान, चरिष्णु, जंगम |
चिड़ियों का चह-चह ध्वनि करना, खुशी में खिलखिलाकर बोलना | चहकना, चहचहाना |
वह मास जो चन्द्रमा की गति के अनुसार गिना जाता है | चांद्रमास |
जो आँखों (चक्षुओं) से संबंधित हो | चाक्षुष |
खुशामद करने वाला व्यक्ति | चाटुकार, चापलूस |
हाथी के चिल्लाने की आवाज | चिंघाड़ |
जिसका चिंतन या जिसकी चिंता करना उचित हो | चिंतनीय, चिंत्य |
चिंता उत्पन्न करने वाला | चिंताजनक |
रोगियों की चिकित्सा करने का स्थान | चिकित्सालय |
जिसकी चिकित्सा की जा सके | चिकित्स्य |
कार्य करने का इच्छुक | चिकीर्षक |
कार्य करने की इच्छा | चिकीर्षा |
चित्त को चुराने वाला | चितचोर |
फटा-पुराना कपड़ा | चिथड़ा, गूदड़, चिरकुट |
आकाश के समान निर्लिप्त | चिदाकाश (ब्रह्म) |
आनंद और चैतन्य स्वरूप | चिदात्मा, चिदानंद (ब्रह्म) |
चैतन्य स्वरूप की माया या ब्रह्म की माया | चिद्विलास |
पूर्ण तथा विशुद्ध ज्ञानमय | चिन्मय, परमात्मा |
चिरकाल तक जीवित रहने वाला | चिरंजीवी |
जो सदा से चला आ रहा हो, बहुत दिनों से चला आता रहने वाला | चिरंतन, पुरातन |
चिरकाल तक बना रहने वाला | चिरस्थायी |
जिस पर चिह्न लगाया गया हो | चिह्नित |
करुण स्वर में चिल्लाना | चीत्कार |
चीन से आने वाला रेशमी वस्त्र | चीनांशुक |
योगियों, भिक्षुओं आदि द्वारा पहनने का वस्त्र, चादर आदि | चीवर |
चूहों फँसाने का पिंजड़ा | चूहादान, चूहेदानी |
महाराणाप्रताप के घोड़े का नाम | चेतक |
किसी को चेताने के लिये कही जाने वाली बात | चेतावनी |
हर चौथे दिन आने वाला ज्वर | चौथिया |
विवाह के चौथे दिन वर-वधू के कंगन खोलने की रस्म, विवाह के चौथे दिन कन्या के घर से कपड़े, मिठाइयाँ आदि भेजे जाने की रस्म | चौथी |
वर्षा ऋतु के चार मास (महीने), वर्षा ऋतु में गाया जाने वाला गीत | चौमास, चौमासा |
चारों ओर से आकर मिलने वाले रास्तों का केंद्र बिन्दु | चौराहा, चौमुहानी, चौरस्ता |
किसी स्थान के चारों ओर की सीमा | चौहद्दी |
अग्निकुल के अंतर्गत क्षत्रिय (राजपूत) वंश की शाखा | चौहान (चाह्मान) |
गिरा हुआ, पतित | च्युत |
भूने हुए धान का कूटा हुआ चबेना | च्यूड़ा, चिवड़ा |
‘छ’
वाक्यांश | एक शब्द |
कर्मचारी आदि को छाँटकर निकाल देने का काम | छँटनी |
बनावटी रूप | छद्मवेश |
बनावटी वेष धारण करने वाला | छद्मी, छद्मवेशी, छली |
छः महीने का समय | छमाही |
स्कूल या कॉलेज से सम्बद्ध भवन जहाँ पर विद्यार्थी रहते हैं | छात्रालय, छात्रावास |
अचानक किया जाने वाला आक्रमण | छापा |
अकस्मात कहीं भी आकर छापा मारने वाला या आकस्मिक आक्रमण करने वाला | छापामार |
वह स्थान जहाँ छपाई (मुद्रण) का कार्य होता है | छापाखाना, छापाघर, मुद्रणालय, प्रेस |
अचानक आक्रमण करने वाला | छापेमार |
सेना के ठहरने का स्थान | छावनी |
किसी काम या व्यक्ति में छिद्रों, त्रुटियों व दोषों को ढूँढ़ने का काम | छिद्रान्वेषण |
दूसरों के छिद्र (गलतियाँ) खोजने वाला | छिद्रान्वेषी |
किसी को दोषारोपण करके छेड़ना | छींटाकशी |
‘ज’
वाक्यांश | एक शब्द |
जिसमें व्यावहारिक बुद्धि न हो (महामूर्ख), जिसमें जीवन न हो (निर्जीव), जिसमें चेतना शक्ति न हो (अचेतन) | जड़ |
पेट के अंदर का शारीरिक ताप जो भोजन पचाने का काम करता है या पाचक शक्ति या पेट की अग्नि | जठराग्नि, जठरानल |
जाति से निष्कासित (च्युत) या बहिष्कृत, जिसे बिरादरी से निकाल दिया गया हो, जिसके साथ व्यवहार न किया जाता हो | जातिज्युत, जातिबहिष्कृत |
अपनी जाति को दूसरी जाति से श्रेष्ठ मानने का सिद्धांत | जातिवाद |
अपनी जाति को दूसरी जाति से श्रेष्ठ मानने वाला अर्थात् जातिवाद मानने वाला | जातिवादी |
ऐसी शासन व्यवस्था (तंत्र) जो जनता द्वारा चुनी और जनता के लिये हो | जनतंत्र, लोकतंत्र, प्रजातंत्र |
जन्म से सौ वर्ष का समय | जन्मशती |
जो जन्म से ही अंधा है | जन्मांध |
जन्मदिन पर मनाया जाने वाला उत्सव | जन्मोत्सव |
जो वृद्ध होने के कारण जर्जर हो गया हो | जराजीर्ण |
जल में पैदा होने वाला | जलज |
जल लेने के बदले में दिया जाने वाला टैक्स | जलकर |
जल में विचरने वाले जीव | जलचर |
वह यान जो जल में चलता है | जलयान |
बेटी का पति | जामाता, दामाद |
परस्त्री से प्रेम करने वाला (उपपति, यार) | जार |
उपपति से उत्पन्न संतान या अवैध संतान | जारज |
जाने की इच्छा | जिगामिषा |
जाने का इच्छुक | जिगामिषु |
किसी को जीतने की चाह (इच्छा) | जिगीषा |
किसी पर विजय पाने की इच्छा रखने वाला | जिगीषु |
खाने की इच्छा | जिघत्सा |
भोजन करने की इच्छुक या इच्छा रखने वाला | जिघत्सु, भूखा |
वध की इच्छुक | जिघांसक, जिघांसु |
वध की इच्छा | जिघांसा |
पकड़ने की इच्छा | जिघृक्षा |
पकड़ने की इच्छा वाला | जिघृक्षु |
अधिक समय तक जीने की इच्छा | जिजीविषा |
अधिक समय तक जीते रहने को इच्छुक | जिजीविषु |
जानकारी प्रदान करने या जताने की इच्छा या लालसा | जिज्ञापयिषा |
जानने या जानकारी देने की इच्छा वाला | जिज्ञापयिषु |
कुछ जानने या ज्ञान प्राप्त करने की चाह | जिज्ञासा |
जानने की इच्छा रखने वाला | जिज्ञासु |
जिसने इन्द्रियों पर विजय पा ली हो | जितेन्द्रिय |
विजय प्राप्त करने वाला | जिष्णु (विष्णु, अर्जुन) |
त्याग की इच्छा | जिहासा |
त्याग की इच्छा रखने वाला | जिहासु |
हरण करने की इच्छा | जिहीर्षा |
हरण करने की कामना करने वाला | जिहीर्षु |
अश्व (घोड़े) की पीठ पर रखने की गद्दी | जीन |
जीर्ण (टूटे-फूटे) भवनों का उद्धार | जीर्णोद्धार |
सारे जीवन में किसी के कार्यों आदि का विवरण | जीवन-चरित्र |
खेत जोतने का काम | जुताई |
जूतों से होने वाली लड़ाई | जुतिऔवल |
जूतों से प्रहार करना, खरी-खोटी सुनाकर अपमानित एवं लज्जित करना | जुतिआना |
पति का बड़ा भाई, बैसाख और आषाढ़ के बीच का महीना | जेठ (ज्येष्ठ) |
‘ज्ञ’
वाक्यांश | एक शब्द |
जो जानने योग्य हो | ज्ञातव्य |
जो जानता हो | ज्ञाता |
जिसे ज्ञान प्राप्त करने की प्यास हो | ज्ञानपिपासु |
विषयों का ज्ञान कराने वाली इंद्रियाँ | ज्ञानेंद्रिय |
जताने या बताने का कार्य, सरकारी पत्र का एक प्रकार | ज्ञापन |
जिसे जानना आवश्यक हो | ज्ञेय |
‘झ’
वाक्यांश | एक शब्द |
अपनी झक (धुन, सनक) में मस्त रहने वाला | झक्की |
झगड़ा करने वाला | झगड़ालू |
जिसके लम्बे-लम्बे बिखरे बाल हो | झबरा |
काँटेदार झाड़ियों समूह, व्यर्थ के पेड़-पौधों का समूह | झाड़-झंखाड़ |
पीसे जाने वाले अनाज की एक बार में चक्की में डालने के लिये निर्धारित मात्रा | झींका |
झूठ बोलने वाला | झूठा |
स्त्रियों की आपस में झोंटा (बाल) पकड़कर होने वाली लड़ाई | झोंटा-झोंटी |
झोपड़ियों का मुहल्ला | झोपड़-पट्टी |
‘ट’ वर्ग
‘ट’
वाक्यांश | एक शब्द |
टाइप करने की कला | टंकण |
सिक्के आदि ढालने का कारखाना | टकसाल |
धनुष के प्रत्यंचा से उत्पन्न ध्वनि | टंकार, धनुष्टंकार |
छोटे क़द का घोड़ा, बोझा लादने वाला छोटा घोड़ा | टट्टू |
लगातार घंटा बजने से होने वाला टन-टन शब्द | टनाटन |
दो पहियों वाली ऊँची घोड़ागाड़ी | टमटम |
चारों ओर जल से घिरा हुआ भू-भाग | टापू |
टिप्पणी लेखन की विधि | टिप्पण |
संक्षिप्त रूप में लिखा गया लेख, किसी बात पर कुछ कहना | टिप्पणी |
किसी ग्रन्थ या रचना की टीका करने वाला | टीकाकार |
किराये पर चलने वाली मोटरगाड़ी | टैक्सी |
‘ठ’
वाक्यांश | एक शब्द |
ऐसी बात जो केवल ठाकुर (स्वामी या मालिक) को प्रसन्न करने के लिये कही जाय | ठकुरसुहाती |
जो ठेला जाता हो, निठल्ला या बेकार | ठिलुआ |
विश्वास करने योग्य | ठिहार, विश्वसनीय |
वृक्ष का बचा हुआ धड़ | ठूँठ |
बिना डाली-पत्ती का या शाखा रहित | ठूँठा |
जो बिल्कुल मूल रूप में हो | ठेठ |
ठेलकर चलायी जाने वाली गाड़ी | ठेला |
‘ड’ और ‘ढ’
वाक्यांश | एक शब्द |
डींग मारने वाला, मूर्ख व्यक्ति | डपोर संख |
घर-घर जाकर लोगों की डाक पहुँचाने वाला कर्मचारी | डाकिया |
झूठा दिखावा | ढकोसला, पाखंड, आडंबर |
वह जो पाखंड करता हो | ढपोरशंखी, पाखंडी |
‘त’ वर्ग
‘त’
किसानों को सरकार या जमींदार द्वारा दी गयी ऋण के रूप में आर्थिक सहायता | तकावी |
विवाद या गुटबाजी से अलग रहने वाला | तटस्थ |
उस (तत्) से अधिक | ततोधिक |
उसी (तत्) समय (काल) | तत्काल, तत्समय, फ़ौरन |
उस (तत्) समय (काल) का, उन दिनों का | तत्कालीन, तत्सामयिक |
उसी (तत्) समय (क्षण) | तत्क्षण, तुरंत |
उसी (तत्) क्षेत्र से संबधित | तत्क्षेत्रीय |
अध्यात्म के तत्त्वों को जानने वाला | तत्त्वज्ञ, तत्त्वज्ञानी, तत्त्वविद् |
जो काम करने को तैयार (मुस्तैद, उद्यत) हो, मनोयोग से लगा हुआ | तत्पर |
उस (तत्) के प्रति आसक्त (परायण) | तत्परायण |
उस (तत्) के बाद (पश्चात्) | तत्पश्चात्, अनंतर |
ऐसा ही हो | तथास्तु, एवमस्तु |
केवल इसके वास्ते | तदर्थ |
इस विशिष्ट कार्य के लिये बनी समिति | तदर्थ-समिति |
वह जो बराबर तपस्या करता है | तपस्वी |
जो तर्क के आधार पर ठीक सिद्ध हो | तर्कसंगत |
तर्क के द्वारा जो माना गया हो या तर्क के द्वारा जो सम्मत है | तर्कसम्मत |
ऐसा तर्क जो केवल ऊपर से ही ठीक-ठाक न हो अपितु वास्तव में सही हो | तर्काभास |
चोरी-छिपे और चुंगी शुल्कादि दिये बिना माल लाकर बेचने वाला | तस्कर |
तर्क का, तर्कशास्त्र का ज्ञाता | तार्किक |
एक व्यक्ति द्वारा चलायी जाने वाली शासन प्रणाली | तानाशाही, स्वेच्छाचारिता, अधिनायकत्व |
बाण (तीर) रखने का चोंगा जो कंधे पर टाँगा जाता है | तूणीर, निषंग, तरकश, भाथा |
चांद्रमास के किसी पक्ष (कृष्ण व शुक्ल) की तीसरी तिथि | तृतीया |
सरदी-गरमी, दुःख आदि सहन करने की शक्ति | तितिक्षा |
सरदी-गरमी, दुःख आदि सहन करने वाला (सहनशील) | तितिक्षु |
तैरने या तर जाने की इच्छा | तितीर्षा |
तैर कर पार होने की इच्छा रखने वाला | तितीर्षु |
वह स्थान जहाँ तोपें और उससे सम्बद्ध बारूद आदि रखा रहता है | तोपखाना |
जिसको त्याग दिया गया हो | त्यक्त |
कोई काम या पद छोड़ देने के लिये लिखा गया पत्र | त्यागपत्र |
जिसे त्याग देना उचित हो | त्याज्य |
छुटकारा (त्राण) दिलाने वाला | त्राता |
जिसे तीनों कालों (भूत, वर्तमान, भविष्य) में होने वाली घटनाएँ दिखायी देती हों | त्रिकालदर्शी, त्रिकालज्ञ |
भौंहों के मध्य के ऊपर का स्थान जहाँ त्रिकुट चक्र की स्थिति मानी जाती है | त्रिकुटी |
तीन शृंगों वाला पर्वत, वह पर्वत जिसपर लंका बसी थी | त्रिकूट |
प्रकृत के तीन गुण (सत्व, रज व तमस्) | त्रिगुण |
तीन प्रकार के ताप या कष्ट (दैहिक, दैविक व भौतिक) | त्रिताप |
आयुर्वेद के अनुसार तीन दोष (वात, पित्त व कफ) | त्रिदोष |
आयुर्वेद में वर्णित तीन फलों के मिश्रण से बनी औषधि | त्रिफला |
रात्रि का तृतीय प्रहर | त्रियामा |
स्वर्ग, मर्त्य एवं पाताल ये तीन लोक | त्रिलोक, त्रिभुवन |
बौद्ध धर्म के तीन अंग (बुद्ध, संघ व धर्म); जैन धर्म के तीन अंग ( सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान सम्यक् आचरण) | त्रिरत्न |
तीन प्रकार की वायु (शीतल, मंद व सुगंधित) | त्रिविध वायु, त्रिविध बयार |
वह स्थान जहाँ तीन नदियाँ आकर मिलती हों; तीन नदियों की संयुक्त धारा; गंगा, यमुना व गुप्त सरस्वती का प्रयागराज में संगम | त्रिवेणी |
धरती और आकाश के मध्य का स्थान, प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा जो यज्ञ करके सशरीर स्वर्ग पहुँचना चाहते थे परन्तु इंद्र के विरोध के कारण पृथ्वी वा स्वर्ग के बीच लटक गये | त्रिशंकु |
हर तीसरे महीने होने वाला | त्रैमासिक |
‘थ’
वाक्यांश | एक शब्द |
जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह, जमा हुआ द्रव | थक्का |
बँधी हुई लंबाई का कपड़े का बड़ा टुकड़ा, गहनों या आभूषणों आदि की संख्या, कुलदेवता का पूजा स्थल | थान |
पुलिस की चौकी | थाना |
पुलिस थाने का प्रधान अधिकारी | थानेदार, थानाध्यक्ष |
समय पर काम आने के लिये रखी हुई वस्तु, वह वस्तु जो किसी के पास इस विश्वास पर छोड़ दी गयी हो कि वह माँगने पर दे देगा | थाती, धरोहर |
तबले, ढोलक आदि पर हथेली द्वारा उसे बजाने के दौरान किया गया आघात | थाप |
हाथ की छाप या चिह्न | थापा |
‘द’
वाक्यांश | एक शब्द |
जिसे दण्ड दिया जा सकता है या दण्डित किया जाना चाहिए | दंडनीय |
राज्य द्वारा लगाये गये आर्थिक दंड को न चुका पाने के कारण बनाये गये दास | दंडप्रणीत दास |
अपराध और उन पर दण्ड देने के नियम निर्धारित करने वाला ग्रन्थ | दंडसंहिता |
दाँत से काटने वाला (दंश मारने वाला) या डंक मारने वाला | दंशक |
जिसे किसी ने डसा हो या दंश मारा हो | दंशित |
संकीर्ण या पुराने विचारों वाला व्यक्ति | दकियानूस |
जिसका मुख दक्षिण की ओर हो, दक्षिण की ओर उन्मुख | दक्षिणाभिमुख |
विषुवत रेखा की ओर से मकर रेखा की ओर सूर्य का आभासी गमन, वह छः माह का समय जब सूर्य विषुवत् रेखा से दक्षिण दिशा में स्थित रहता है | दक्षिणायण |
छः माह का वह समय जब सूर्य का दक्षिण की ओर आभासी गमन होता हो | दक्षिणायान |
दाहिनी ओर घूमने वाला, घड़ी के सुइयों की दिशा में घूमना | दक्षिणावर्त |
उत्तराधिकारी बनाने हेतु विधिवत गोद लिया हुआ पुत्र | दत्तक, दत्त्रिम, मुतबन्ना |
किसी काम को चित्त लगाकर करने वाला | दत्तचित्त |
पति-पत्नी का जोड़ | दम्पति (दंपती)( |
दर्शन करने योग्य या देखने योग्य | दर्शनीय |
वह व्यक्ति जो क्रेता और विक्रेता के बीच में पड़कर सौदा पक्का कराता है | दलाल |
जिसका दलन किया गया हो, दबाया हुआ, कुचला हुआ | दलित |
चांद्रमास के किसी पक्ष की दशवीं तिथि | दशमी |
जिसके दस मुख (आनन) हों | दशानन (रावण) |
जहाँ औषधि दान स्वरूप मिलती है | दातव्य-औषधालय |
जिसकी जीविका दान से चलती हो | दानवृत्ति |
(कृष्ण) जिसके पेट में माँ ने रस्सी बाँध दी थी | दामोदर |
पैतृक संपत्ति के रूप में दास | दायागत दास |
दाव (जंगल) का अनल (आग / अग्नि) | दावानल, दावाग्नि |
देखने की इच्छा | दिदृक्षा |
देने की इच्छा | दित्सा |
देने का इच्छुक | दित्सु |
देखने की इच्छा | दिदृक्षा |
देखने को इच्छुक | दिदृक्षु |
नित्य किये जाने वाले कार्य | दिनचर्या |
जिस पर दिनांक (तारीख का अंक) लगाया गया हो | दिनांकित |
दिन पर दिन | दिनानुदिन |
दिन में कम दिखायी देने वाला रोग | दिनौंधी, दिवांधता |
दिन के समय अपने प्रिय से मिलने जाने वाली नायिका | दिवाभिसारिका |
वह व्यक्ति जो अपने ऋणों को चुकता करने में असमर्थ हो गया हो | दिवालिया |
दिव (स्वर्ग, आकाश, दिन) से संबंधित | दिव्य (स्वर्गीय, आकाशीय) |
दिव्य (ज्ञान) नेत्र | दिव्यचक्षु, प्रज्ञाचक्षु |
अलौकिक या भविष्य संबंधी घटनाओं को देखने की शक्ति | दिव्यदृष्टि |
ज्ञान नेत्र से देखने वाला या अलौकिक घटनाओं को देखने वाला | दिव्यद्रष्टा |
दीपों की क़तार | दीपावली |
दीप जलाकर मनाया जाने वाला उत्सव | दीपोत्सव |
जिसकी बाहें लम्बी (दीर्घ) हों | दीर्घबाहु |
दुःख देने वाला | दुःखद |
जिसका समाधान या उपचार करना कठिन है | दुःसाध्य |
अनुचिक कार्य करने के लिये साहस या अनुचित साहस | दुःसाहस (दुस्साहस) |
जिसका चित्त किसी एक बात पर स्थिर न हो | दुचित्तता |
जिसमें दो रंग हों | दुरंगा |
दुष्ट उद्देश्य से की जाने वाली मंत्रणा या साजिश | दुरभिसंधि |
बुरा (दुर्) आग्रह या अनुचित बात के लिये आग्रह | दुराग्रह |
जिसे प्रसन्न/आराधित करना कठिन है | दुराराध्य |
जिसमें जाना या जिसे समझना कठिन हो | दुर्गम |
जिस पर विजय पाना कठिन हो | दुर्जेय |
जिसका दमन करना कठिन हो | दुर्दम, दुर्दमनीय, दुर्दम्य |
जिस पर सम्यक् विचार न किया गया हो, जिसका विवाद या मुक़दमा उचित ढंग से न हुआ हो | दुर्दृष्ट |
जिसे आसानी से बस में न किया जा सके, जिसे परास्त करना कठिन हो | दुर्द्धर्ष |
जिसका रोकना या निवारण करना कठिन हो | दुर्निवार, दुर्निवार्य |
जिसकी समझ या जिसका बोध कठिनाई से हो सके | दुर्बोध |
वह स्त्री जो अपने पति के स्नेह के वंचित हो, वह स्त्री जिसे स्वामी न चाहे, विरक्ता | दुर्भगा |
ऐसा अकाल कि भिक्षा देना / लेना भी कठिन हो | दुर्भिक्ष |
जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो या जो कठिनाई (दुर्) से भेदा या तोड़ा जा सके | दुर्भेद्य |
जिसे लाँघना बहुत कठिन हो | दुर्लंघ्य |
जो कठिनाई से मिलता है | दुर्लभ, दुष्प्राप्य |
जिसे ढोना या साथ ले जाना कठिन हो (बहुत भारी), जिसे बर्दाश्त न किया जा सके (दुस्सह, असह्य) | दुर्वह |
बुरा बर्ताव या अनुचित व्यवहार | दुर्व्यवहार |
बुरी लत, बुरी आदत, बुरे स्वभाव | दुर्व्यसन |
बुरी लत, बुरी आदत, बुरे स्वभाव वाला | दुर्व्यसनी, दुर्व्यसनवाला |
बुरे हृदय वाला | दुर्हृद (दुर्हृत्) |
बुरे आचरण / चरित्र वाला | दुश्चरित्र |
जिसे करना बहुत कठिन हो | दुष्कर |
जिसका नाप करना कठिन हो | दुष्परिमेय |
जिसे देखना कठिन हो | दुष्प्रेक्ष्य |
वह व्यक्ति जो दूर तक की बातों को पहले ही सोच लेता है या वह जिसकी दृष्टि दूर तक जाय | दूरदर्शी, दूरंदेश |
वह जो अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहे | दृढ़प्रतिज्ञ |
देखने, सोचने-समझने का पहलू | दृष्टिकोण |
आँख (दृष्टि) की बीमारी, देखने में त्रुटि होना | दृष्टिदोष |
जो देने योग्य है | देय |
देवता का दिया हुआ, अर्जुन के प्रसिद्ध शंख का नाम | देवदत्त |
पति के छोटे भाई की पत्नी | देवरानी |
कार्तिक शुक्ल की एकादशी जिस दिन भगवान विष्णु शेष शैय्या उठते हैं | देवोत्थान (दिठवन) |
अपने देश के साथ विश्वासघात करने वाला | देशद्रोही |
देशानुरागी व्यक्ति | देशभक्त |
दिन का या प्रतिदिन होने वाला | दैनिक |
दुहिता (पुत्री) का पुत्र | दौहित्र (नाती) |
दिखायी पड़ने वाला (दृष्टिगोचर) या दर्शन करने योग्य (दर्शनीय) या निरीक्षण किये जाने योग्य | द्रष्टव्य |
द्रुत गति से जाने वाला | द्रुतगामी |
राजा द्रुपद की पुत्री | द्रौपदी |
चांद्रमास के किसी पक्ष की बारहवीं तिथि | द्वादशी |
जो द्वार का पालन (रक्षा) करता है | द्वारपाल |
दो बार जन्म लेने वाला | द्विज, द्विजन्मा, द्विजाती |
चांद्रमास के किसी पक्ष (शुक्ल या कृष्ण) की द्वितीय तिथि | द्वितीया |
जिसके दो पद (पैर) हैं | द्विपद |
दो भिन्न भाषा-भाषियों के मध्य मध्यस्थता करने वाला | द्विभाषिया |
दो भाषाओं का जानकार | द्विभाषी |
वधू का पति के साथ दूसरी बार ससुराल आना (गौना), दूसरी बार आना (पुनरागमन) | द्विरागमन |
दो बार कथन | द्विरुक्ति |
दूसरी बार विवाह करने वाली स्त्री | द्विरूढ़ा |
दो भिन्न जाति के पशु से उत्पन्न पशु, दोगला | द्विरेता |
द्वितीय वर, पति का छोटा भाई | द्विवर (देवर) |
‘ध’
वाक्यांश | एक शब्द |
धन देने वाला (व्यक्ति या देवता) | धनद, कुबेर |
धन देने वाली | धनदा |
धनुष धारण करने वाला | धनुर्धर, धनुर्धारी, धन्वी |
वह जो पृथ्वी (धरणि, धरणी) को धारण करता हो | धरणिधर, धरणीधर (शेषनाग) |
वह वस्तु या द्रव्य जो किसी के पास इस विश्वास पर रखी जाती है कि स्वामी द्वारा माँगे जाने पर वापस कर दिया जायेगा (अमानत), वह वस्तु या गुण जो निधि के रूप में हमें पूर्वजों से मिली है (थाती) | धरोहर |
जिसकी धर्म में निष्ठा हो | धर्मनिष्ठ |
परमार्थ हेतु बनवाया गया भवन जहाँ यात्री रुकते हैं | धर्मशाला |
धर्मानुसार आचरण करने वाला | धर्माचारी |
जिसकी आत्मा धार्मिक सिद्धान्तों से ओतप्रोत हो या धर्मानुकूल अनुसार आचरण करने वाला | धर्मात्मा |
धारण करने वाला | धारक |
जिस पर धारियाँ बनी हों | धारीदार |
धीर और लालित्य प्रधान नायक | धीरललित |
भावनाओं पर पूर्ण नियंत्रण रखने वाला नायक | धीरोदात्त |
उग्र एवं सदैव आत्मप्रशंसा करने वाला नायक | धीरोद्धत |
मछली पकड़कर, नाव चलाकर जीविका चलाने वाली जाति | धीवर (धीमर), मल्लाह, कैवर्त (केवट) |
हवा में मिली हुई या भाप के कारण होने वाला अँधेरा या दृष्टिगोचर का अभाव | धुंध |
ध्यान या विचार करने वाला | ध्याता |
युद्ध में बंदी बनाये गये दास | ध्वजाहृत |
‘न’
वाक्यांश | एक शब्द |
जिसकी नाक कट गयी हो | नकटा |
नख से शिख तक के सब अंग | नखशिख |
बालुकामय प्रदेश (मरुस्थल) के बीच पाया जाने वाला हरित क्षेत्र | नख़लिस्तान, मरूद्यान |
जो गणना के योग्य न हो, अत्यंत तुच्छ | नगण्य |
वह गाँव या शहर जहाँ नाना का घर हो या माँ के पिता का घर | ननिहाल |
आकाश (नभ) में विचरण करने वाला | नभचर |
नमस्कार करने योग्य, जो झुक सके या जो झुकाया जा सके | नमनीय |
हाल ही में उत्पन्न हुआ (बालक) या अभी-अभी (नव) जन्मा हुआ | नवजात |
चांद्रमास के किसी पक्ष की नौवीं तिथि | नवमी |
नया आया हुआ | नवागत |
कहीं से नया-नया आया हुआ | नवागन्तुक |
हाल की ब्याही स्त्री | नवोढ़ा |
नया उदित होने वाला | नवोदित |
जो नष्ट होने वाला हो | नश्वर |
नष्ट होने के क़रीब पहुँचा हुआ | नष्टप्राय |
नगर में रहने वाला या नगर से संबंधित | नागरिक, नागर |
लड़की की लड़की | नातिन |
लड़की का लड़का | नाती |
लिया हुआ धनादि जल्दी न वापस करने वाला | नादिहंद |
जल्दी वापस न करना | नादिहंदी |
नरक से संबंधित या नरक में रहने वाला | नारकीय |
जो धर्म और ईश्वर में विश्वास न रखता हो या जिसे वेद में विश्वास न हो | नास्तिक |
निंदा किये जाने योग्य या निंदा योग्य | निंदनीय, निंदास्पद, निंद्य |
जिसे किसी प्रकार की शंका या डर न हो | निःशंक |
जिस पर किसी प्रकार शुल्क न लगता हो | निःशुल्क |
जिसमें शब्द न हो रहा हो | निःशब्द |
नाक से बाहर निकलने वाली साँस | निःश्वास |
बिना साथ का | निःसंग (निस्संग) |
जिसकी कोई संतान न हो | निःसंतान |
जिसे किसी बात की स्पृहा (आकांक्षा) न हो | निःस्पृह |
जिसमें स्वार्थ साधन की भावना न हो | निःस्वार्थ |
जो किसी से न डरे | निडर |
जिस पुरुष के पुत्र न हो | निपूत, निपूता, निपुत्र |
जिस स्त्री के पुत्र न हो | निपूती |
जो नीचे (निम्न) लिखा गया है | निम्नलिखित |
जिस पर नियंत्रण किया गया हो | नियंत्रित |
जिस पर किसी प्रकार का अंकुश/नियंत्रण न हो | निरंकुश |
निम्न कोटि का | निकृष्ट |
जिसे अक्षर ज्ञान न हो | निरक्षर |
जिसका कोई अर्थ न हो (अर्थरहित) | निरर्थक |
अहंकार (अभिमान/दर्प) से रहित | निरहंकार |
जिसका कोई आकार न हो | निराकार |
बिना आधार का | निराधार |
जिसमें कोई संकट या आपत्ति न हो (आपत्ति रहित) | निरापद |
(भोजन) जिसमें आमिष (मांस) का कोई अंकुश न हो | निरामिष |
जिसे आशा न रह गयी हो | निराश |
आशा का अभाव, निराश होने की अवस्था | निराशा |
वह जो समझ बैठा है कि संसार में किसी वस्तु के बेहतर होने की कोई आशा नहीं है | निराशावादी |
जिसका कोई आश्रय न हो | निराश्रय |
इंद्रियों से रहित, कमजोर इंद्रिय वाला | निरिंद्रिय |
इच्छा एवं तृष्णा से रहित (विरक्त), जो किसी बात के लिये प्रयत्न या चेष्टा न करे (निष्क्रिय, चेष्टारहित), नम्र एवं शात (बेचारा) | निरीह |
उत्तर न देने वाला, उत्तर न देने योग्य, जिसका उत्तर न दिया गया हो | निरुत्तर |
जिसकी उपमा न दी जा सके | निरुपम |
जिसका उपाय न हो सके, साधन से हीन | निरुपाय |
जिसमें उत्साह न हो या उत्साह न होना (उत्साहरहित) | निरुत्साह |
जिसमें (सत, रज, तम) गुण न हों | निर्गुण |
जहाँ जन न हो या आबादी न हो | निर्जन |
निर्णय करने वाला, विवाद आदि का निर्णय करने वाला व्यक्ति | निर्णायक |
जिसके मन में दया का अभाव हो | निर्दय, निर्दयी |
जो किसी विषय का निर्देशन करता है या निर्देश देने वाला | निर्देशक |
बिना पलक झपकाये (गिराये) या निमिष गिराये | निर्निमेष, अपलक, एकटक, अनिमेष |
जिसके पास बल या शक्ति का अभाव हो या जिसमें शक्ति (बल) न हो | निर्बल, अशक्त, दुर्बल |
जिसे कोई भय नहीं है | निर्भय, निर्भीक, अभय |
जिसे भ्रांति न हो, जिसमें भ्रम न हो | निर्भ्रांत |
जिसके हृदय में ममता नहीं है | निर्मम |
जिसकी जड़ या आधार का पता न हो या जिसका मूल नहीं है | निर्मूल |
एक देश से दूसरे देश में माल भेजना | निर्यात |
जिसके मुँह से बात न निकले, जो चुप हो, जिसे वाणी व्यक्त न कर सके | निर्वाक् |
निर्वाचन में अपना मत देने वाला | निर्वाचक |
जो विहित प्रक्रिया द्वारा चुना गया हो | निर्वाचन |
बलपूर्वक निकाल देना, देश निकाले का दंड | निर्वासन |
देश निकाला हुआ | निर्वासित |
निर्वासित किये जाने योग्य | निर्वास्य |
बिना विवाद का | निर्विवाद |
जो निज का न हो | निर्वैयक्तिक |
वैर भाव आदि से रहित, वैर का अभाव | निर्वैर |
आवश्यक रक़म लेकर वांछित वस्तुएँ जुटा देने या काम पूरा करने का लिखित वादा | निविदा |
निशा (रात्रि) में विचरण करने वाला | निशाचर |
अर्ध रात्रि का समय | निशीथ |
जो चिंता से रहित हो | निश्चिंत |
जिसका निषेध किया गया है | निषिद्ध |
जिस पर कोई कलंक न लगा हो | निष्कलंक |
कामना एवं वासना से रहित (निर्लिप्त), बिना कामना के किया जाने वाला | निष्काम |
जिसने पाप न किया हो | निष्पाप |
जिसमें तेज न हो या जिसका तेज निकल गया है | निस्तेज |
जिसकी सहायता करने वाला कोई न हो | निस्सहाय |
नीति का ज्ञान रखने वाला | नीतिज्ञ |
जो रोग से मुक्त हो (स्वस्थ), दोष एवं विकाररहित | नीरोग |
शुभ अवसर पर नौकर-चाकर एवं अन्य आश्रितों को धन व उपहार देने की प्रथा | नेग |
स्वयं नौकर होते हुए भी स्वयं को अधीनस्थ नौकरों का स्वामी समझने वाला, सरकारी विभाग का वह अधिकारी जिसके हाथ में पूरी सत्ता हो, वह सरकारी अधिकारी अधिकारी जो स्व विवेक का उपयोग न करते हुए नियमों के आधार पर कार्य करे | नौकरशाह |
नौकरशाह अधिकारियों द्वारा पूर्णतया संचालित प्रशासन, अधिकारी-तंत्र, अफ़सर-शाही, दफ्तर-शाही | नौकरशाही |
उच्च न्यायालय का न्यायाधीश | न्यायमूर्ति |
‘प’ वर्ग
‘प’
अहल्या, मंदोदरी, तारा, कुंती और द्रौपदी नामक पाँच कन्याएँ | पंचकन्या |
सृष्टि, स्थिति, ध्वंस, विधान और अनुग्रह ये पाँच ईश्वरीय कर्म | पंचकृत्य |
गाय से प्राप्त होने वाले पाँच (दुग्ध, दही, घृत, गोमल व गोमूत्र) द्रव्य | पंचगव्य |
पंचजन नामक राक्षस की अस्थि से निर्मित श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध शंख | पंचजन (पाँचजन्य) |
पाँच नदियों ( सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम) का समूह | पंचनद |
पाँच तत्त्व (आकाश, पृथ्वी, जल, वायु व अग्नि) जिससे मिलकर भौतिक शरीर बनी है | पंचभूत (पंचतत्त्व) |
दूध, दही, शर्करा, मधु व घृत के मिश्रण से मिलाकर बनने वाला प्रसाद | पंचामृत |
पीपल, वट, बेल, हरड़ और अशोक नामक पाँच वृक्षों का समूह | पंचवटी |
गाँव की वह सभा जिसमें पंच लोग झगड़ों का निपटारा करते हैं | पंचायत |
चांद्रमास के किसी पक्ष की पाँचवीं तिथि | पंचमी |
शरीर का एक हिस्से को नाकाम करने वाला योग | पक्षाघात, लकवा, फ़ालिज |
जो पढ़ने में रोचक लगे या पढ़ने योग्य | पठनीय, पाठ्य |
गिरा हुआ | पतित |
पति परायण स्त्री या अपने पति के प्रति अनुराग रखने वाली या पति धर्म ही जिसका व्रत हो या पति के प्रति अनन्य अनुराग एवं भक्ति रखने वाली | पतिव्रता |
अगुआ बनकर मार्ग दिखाने वाला, पथ का प्रदर्शन करने वाला | पथ-प्रदर्शक |
रोगी को दिया जाने वाला हल्का भोजन या जो स्वास्थ्य के लिये उपयोगी हो | पथ्य |
जो अपने पद से हटा दिया गया हो, बर्खास्त किया हुआ | पदच्युत |
पद का लोभ | पद-लिप्सा |
पद का लोभी | पद-लोलुप |
पाँवों से कुचला हुआ या रौंदा हुआ अर्थात् पद से आक्रांत | पदाक्रांत |
जो पदों अर्थात् काव्य के रूप में हो | पद्य |
पानी में डूबकर चलने वाली नाव | पनडुब्बी |
परंपरा से चला आता हुआ, परंपरा से प्राप्त होने वाला | परंपरागत, पारंपरिक |
परपुरुष से प्रेम करने वाली | परकीया |
दूसरों की कमी निकालना, दूसरों की दोष देखना | परछिद्रान्वेषण |
दूसरे में बुराई खोजने वाला | परछिद्रान्वेषी |
जो सुख-दुःख से परे हो, वह संन्यासी जो ज्ञान की परम अवस्था तक पहुँच गया हो | परमहंस |
फूलों की रज | पराग, पुष्परज |
जो दूसरे या दूसरों के अधीन हो | पराधीन, परतंत्र |
दूसरे का दिया गया अन्न, पराया भोजन | परान्न |
दूसरों द्वारा दिये गये अन्न या भोजन पर जीवित रहने वाला या दूसरे का दिया अन्न खाकर जीवनयापन करनेवाला | परान्नजीवी, परान्नभोजी |
जो पर (दूसरों का) अर्थी (भला चाहने वाला) है | परार्थी |
जो किसी दूसरे के आश्रय में रहता हो | पराश्रयी, पराश्रित |
जिसका या जिसके साथ परिचय हो चुका हो | परिचित |
(स्त्री) जिसे मालिक ने छोड़ दिया हो | परित्यक्ता |
पूर्ण रूप से पका या पचा हुआ | परिपक्व |
भलीभाँति पोषित या पक्का किया हुआ | परिपुष्ट |
वह मनुष्य जो दूसरे के धन का अनधिकार उपभोग कर | परिभोक्ता |
जिसका परिमार्जन हुआ हो या शुद्ध किया जा चुका हो | परिमार्जित |
जो तोला मापा जा सके | परिमेय |
प्रकाश पिंडों (सूर्य) के चारों तरफ कुछ दूर तक दिखायी पड़ने वाला मंडलाकार प्रकाश; महान् पुरुषों, देवी देवताओं के चित्रों में उनके मुख मंडल के चारों तरफ दिखलाया जाने वाला प्रकाश का घेरा | परिवेश, प्रभामंडल, आभामंडल |
भोजन परोसना | परिवेष |
भोजन परोसने का काम | परिवेषण |
भोजन परोसने वाला | परिवेष्टक |
चारों ओर से घिरा हुआ | परिवेष्टित |
भिक्षा माँगकर जीवन निर्वाह करने का नियम | परिव्रज्या |
परिव्रज्या व्रत ग्रहण करके भिक्षा माँगकर जीवन निर्वाह करने वाला संन्यासी (यति) | परिव्राज, परिव्राजक |
पुस्तकों के अंत में दी जाने वाली पूरक बातें | परिशिष्ट |
जिसकी परीक्षा ली जा चुकी हो | परीक्षित |
परीक्षा करने वाला या परीक्षा लेने वाला | परीक्षक |
परीक्षा लेने की क्रिया या जाँच-परख करने की क्रिया | परीक्षण |
जो निगाह से परे हो | परोक्ष, अप्रत्यक्ष |
दूसरों का उपकार (भलाई) करना | परोपकार, परमार्थ |
दूसरों का उपकार करने वाला | परोपकारी, परमार्थी |
दूसरे के सहारे जीवित रहने वाला | परोपजीवी, परजीवी |
दूसरों को उपदेश देने वाला | परोपदेशक |
वह पशु जिसपर सवारी की जाये, वह पशु जिसपर बोझ लादकर यात्रा की जाये | परोहन (परोहण) |
चमड़े का बड़ा थैला जिसमें किसान कुओं से पानी निकालकर खेत सींचते हैं, पानी निकालने वाली दौरी | परोहा, मोट, चरसा |
पर्ण (पत्ते) की बनी हुई कुटी | पर्णकुटी |
पर्दे (परदे) के में रहने वाली स्त्री | पर्दानशीं, पर्दानशीन |
रहस्य प्रकट होना या भेद प्रकट करना | परदाफ़ाश, पर्दाफ़ाश |
जो देश विदेश का भ्रमण करता हो | पर्यटक |
पहाड़ या पर्वत पर चढ़ने वाला | पर्वतारोही |
एक सिद्धांत जिसके अनुसार जीवन की सच्चाई व कठिनाई से भागने की प्रवृत्ति हो | पलायनवाद |
जीवन की कठिनाइयों से भागने की प्रवृत्त वाला | पलायनवादी |
पांचाल प्रदेश की राजकुमारी | पांचाली |
पुस्तक या लेखक की हस्तलिखित प्रति | पाण्डुलिपि |
पखवारे में एक बार होने वाला | पाक्षिक |
पचाने की क्रिया करने वाला | पाचक |
वह जो पढ़ता हो | पाठक |
जो पढ़ाया जाने योग्य हो | पाठ्य |
पढ़ने-लिखने की आवश्यक सामग्री | पाठ्य-सामग्री |
किसी स्त्री को पत्नी रूप में ग्रहण करने के साथ उसका हाथ पकड़ना | पाणिग्रहण |
राह या मार्ग का भोजन | पाथेय |
पैर से पीने वाला | पादप |
जिसके चित्त में पाप करने की भावना रहती है | पापचेता |
जिसने किसी विषय को पार कर लिया हो | पारंगत, दक्ष |
जिसमें इस पार से उस पार की वस्तुएँ दिखायी देती हों | पारदर्शक, पारदर्शी |
परलोक से संबंधित | पारलौकिक |
ब्राह्मण पिता और शूद्र माता से उत्पन्न पुत्र | पारशव |
धार्मिक ग्रंथ का किया जाने वाला पाठ | पारायण |
घर-गृहस्थी के सामान | पारिणाह्य |
इच्छा पूर्ति से होने वाली प्रसन्नता या संतुष्टि का भाव | परितोष, संतोष |
किसी प्रतियोगिता में विजेता को दिया जाने वाला उपहार, पुरस्कार या इनाम | पारितोषिक |
किये हुए परिश्रम के बदले में मिलने वाला धन | पारिश्रमिक, मज़दूरी, उजरत |
पृथा (कुंती) के पुत्र | पार्थ (अर्जुन, भीम, युधिष्ठिर) |
पृथ्वी से संबंधित या मिट्टी का बना हुआ | पार्थिव |
पर्वत (हिमालय) की कन्या (पुत्री) | पार्वती |
जो पकड़कर पाला गया हो | पालतू |
पशुओं का सा या पशुओं के आचरण जैसा | पाशविक |
गर्भ से जन्म लेने वाला | पिंडज, जरायुज |
पिता का पिता | पितामह, दादा |
पिता की माँ | पितामही, दादी |
पिता का भाई | पितिया, चाचा, काका |
पिता के भाई की पत्नी | पितियानी, चाची, काकी |
पिता को जन्म देने वाली | पितृप्रसू (दादी, पितामही) |
पिता होने का भाव | पितृत्व |
अपने पिता की हर तरह सेवा करने वाला | पितृभक्त |
पिता का छोटा भाई | पितृव्य (चाचा) |
पिता तुल्य आदरणीय व्यक्ति | पितृष्य |
पिता की बहन | पितृष्वसा, बुआ, फूफी |
जो पिता की हत्या कर चुका हो | पितृहंता |
भगवान शिव के धनुष का नाम | पिनाक |
जिसे पानी या किसी और वस्तु को पीने की प्यास हो | पिपासु |
एक बार कही बात को दुहराते रहना | पिष्टपेषण |
अन्न पीसकर जीविकोपार्जन करने वाला व्यक्ति | पिसनहारा |
अन्न पीसकर जीविकोपार्जन करने वाली महिला | पिसनहारी |
कमलवत् नेत्रों वाला | पुंडरीकाक्ष |
पर पुरुषों से गुप्त संबंध रखनेवाली | पुंश्चली, स्वैरिणी |
किसी बड़े आदमी के निधन की वार्षिक तिथि | पुण्यतिथि |
अपने पुत्र (बेटे) की वधू (पत्नी) | पुत्रवधू |
फिर से कहा हुआ, कही हुई बात को पुनः कहने का दोष | पुनरुक्त |
कही गयी बात को फिर से फिर से कहना, दुबारा कही गयी बात | पुनरुक्ति |
फिर से जीवित होना | पुनरुज्जीवन |
जिसने पुनः जीवन प्राप्त हुआ हो | पुनरुज्जीवित |
फिर से उठना, पुनः उन्नति करना | पुनरुत्थान |
महापाप के प्रायश्चित स्वरूप किया गया दुबारा जनेऊ-संस्कार | पुनरुपनयन |
पुनः होने वाला जन्म | पुनर्जन्म |
फिर से जागना | पुनर्जागरण |
किसी टूटी-फूटी वस्तु का फिर से निर्माण | पुनर्निर्माण |
पति की मृत्यु के बाद पुनः विवाह करने वाली स्त्री | पुनर्भू |
पति, पुत्रादि से सुखी स्त्री, नारी, सुगृहणी | पुरंधी |
उत्तराधिकार में प्राप्त सम्पत्ति | पुश्तैनी सम्पत्ति |
जिसका पूजन करना, उचित और कर्त्तव्य हो | पूजनीय, पूज्य |
जिसकी कामना पूरी हो गयी हो | पूर्णकाम |
वाक्य की समाप्ति का सूचक चिह्न | पूर्णविराम (।) |
किसी प्रश्नपत्र के लिये निर्धारित कुल अंक | पूर्णांक |
चांद्रमास के शुक्ल पक्ष (अजोर पाख) की पंद्रहवीं तिथि | पूर्णिमा |
दिन का पहला भाग सबेरे से दोपहर तक या दिन के पहले दो प्रहर | पूर्वाह्न |
(वस्तु) जो पीने योग्य हो | पेय |
पिता से प्राप्त की हुई सम्पत्ति, पुरखों का, पुश्तैनी | पैतृक |
जो अपने पैरों से चल रहा हो | पैदल |
वह छोटा डंडा जिससे हल जोतते समय बैलों को हाँका जाता है | पैना |
पुत्र का पुत्र | पौत्र |
पुत्र की पुत्री | पौत्री |
पुनर्भू (पुनर्विवाहित स्त्री) से उत्पन्न पुत्र | पौनर्भव |
पुरुष की शक्ति, पुरुष होने का भाव, पुरुष में सामान्य रूप से होने वाला गुण | पौरुष |
पुरुष संबंधी, पुरुष निर्मित, पुरुष का कर्म (पुरुषार्थ) | पौरुषेय |
पुरोहित का कार्य | पौरोहित्य |
समाचार पत्र, पुस्तकों आदि को प्रकाशित करने वाला | प्रकाशक |
प्रकाशक संबंधी | प्रकाशकीय |
जो छपा एवं प्रचारित किया गया हो | प्रकाशित |
प्रकाश में लाये जाने योग्य | प्रकाश्य |
अधिक बकवास करने वाला | प्रगल्भ, वाचाल |
जिसका प्रचार हुआ या किया गया हो | प्रचारित |
शीघ्र आग पकड़ने वाला | प्रज्वलनशील |
प्रणाम करने योग्य | प्रणम्य |
जिसकी प्रतारणा (ठगी) की गयी हो | प्रतारित |
प्रतिकार करने की इच्छा या भावना | प्रतिचिकीर्षा |
किसी स्थल से परावर्तित होकर आई हुई ध्वनि | प्रतिध्वनि |
जो किसी की ओर (प्रति) से है | प्रतिनिधि |
विरोधी का पक्ष | प्रतिपक्ष, विपक्ष |
दूसरे या विरोधी पक्ष में रहने वाला | प्रतिपक्षी |
किसी की ज़मानत करने वाला (ज़ामिन) | प्रतिभू |
वह जो दूसरों द्वारा लगाये गये अभियोग का उत्तर दे या बचाव करे या काट करे या प्रतिवाद करे | प्रतिवादी |
पास में निवास करने वाला | प्रतिवासी, प्रतिवेशी, प्रतिवेश्य, पड़ोसी |
सम्मान प्राप्त या आदर प्राप्त | प्रतिष्ठित |
किसी काम में दूसरे से बढ़ जाने की इच्छा या उद्योग या लाग डाँट या चढ़ा ऊपरी | प्रतिस्पर्धा (प्रतिस्पर्द्धा) |
निराश किया हुआ या पराभूत किया हुआ | प्रतिहत |
जो समझ में आता हो, जो वास्तव में जान पड़ता हो | प्रतीयमान् |
जो आँखों के सामने (स्पष्ट) हो | प्रत्यक्ष |
जो कहीं जाकर लौट आया हो | प्रत्यागत |
किसी आरोप के बदले लगाया गया आरोप | प्रत्यारोप |
वापस आना या लौट आना | प्रत्यावर्तन |
लौटकर आया हुआ | प्रत्यावर्ती |
अपने आवेदन के बदले में दिया गया आवेदन | प्रत्यावेदन |
प्रत्याशा करने वाला, पद का इच्छुक व्यक्ति | प्रत्याशी |
वापस बुलाया हुआ | प्रत्याहूत |
उत्तर द्वारा खण्डन करके कहा हुआ | प्रत्युक्त |
जवाब का जवाब | प्रत्युत्तर |
किसी के उत्तर में जो ठीक समय पर उत्पन्न हो | प्रत्युत्पन्न |
व्यक्ति जो ठीक समय पर तुरंत किसी बात या युक्ति को सोच ले या जिसकी मति प्रत्युत्पन्न (झट सोचने वाली) है | प्रत्युत्पन्नमति |
उपकार के प्रति किया गया उपकार / भलाई के बदले की गयी भलाई | प्रत्युपकार |
चांद्रमास के दोनों पक्षों (शुक्ल व कृष्ण) की पहली तिथि | प्रथमा, प्रतिपदा, परिवा |
वह स्थान जहाँ नाना वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाता है | प्रदर्शनी |
संध्या काल या सूर्यास्त का समय, रात्रि का प्रथम प्रहर या रात का पूर्वभाग | प्रदोष |
किसी देश के मंत्रियों में सबसे बड़ा | प्रधानमंत्री |
गिरा हुआ पत्ता | प्रपर्ण |
पिता के पिता का पिता | प्रपितामह, परदादा |
पिता के पिता की माँ | प्रपितामही, परदादी |
जो प्रमाण से सिद्ध हो सके | प्रमेय |
उद्योग में लगा हुआ या प्रयत्न (प्रयास) करना जिसका स्वभाव हो | प्रयत्नशील, प्रयत्नवान्, उद्योगशील |
प्रयाग तीर्थ का पंडा | प्रयागवाल |
प्रयोग या उपयोग (प्रयोजन) में लाने योग्य | प्रयोजनीय |
वह स्त्री नायिका जिसका पति प्रवास करने वाला हो या विदेश जाने वाला हो | प्रवत्स्यत्पतिका, प्रवत्स्यत्प्रेयसी |
जो अपनी जन्मभूमि छोड़कर विदेश में वास करता हो | प्रवासी |
प्रशंसा के योग्य | प्रशंसनीय |
प्रशंसा किया हुआ या प्रशंसा योग्य | प्रशस्त |
प्रश्न के रूप में पूछे जाने योग्य | प्रष्टव्य |
वह जो प्रश्न करता है | प्रष्टा, प्रश्नकर्ता |
आगे-आगे चलने वाला | प्रष्ठ |
स्त्री जिसने बच्चा जना हो | प्रसूता |
बच्चा जनने का घर | प्रसूतिगृह, प्रसूतिभवन, सौरी, सूतिकागार, जच्चाखाना |
प्रस्वेद (पसीने) से तर-बतर या पसीने से लथपथ | प्रस्वेदी |
जो पहरा देता है | प्रहरी |
नाटक का एक हास्य रस प्रधान भेद | प्रहसन |
ऐसा वाक्य या पद्य जिसका उत्तर खोजना पड़े या कूट प्रश्न | प्रहेलिका, प्रहेली, पहेली, बुझौवल |
प्रकृत से उद्भूत या प्रकृति में होने वाला | प्राकृतिक |
क्रमबद्ध इतिहास लिखने के पहले के काल का | प्रागैतिहासिक |
मंत्र द्वारा देवता का उसकी प्रतिमा निवास कराना या मंत्र द्वारा देव मूर्ति को प्राण-युक्त करना या मंत्रोच्चार द्वारा मूर्ति में प्राण (जीवन शक्ति) की प्रतिष्ठा (स्थापन) करना | प्राण-प्रतिष्ठा |
प्राण की रक्षा करने वाला, प्राण-शक्ति बढ़ाने वाला, प्राण-दाता | प्राणद |
प्राण (श्वास-प्रश्वास) की गति का क्रमशः दमन | प्राणायाम |
प्राप्त करने योग्य | प्राप्तव्य |
किये हुए पाप का दंडस्वरूप फल भोग | प्रायश्चित |
प्रार्थना करने वाला व्यक्ति | प्रार्थी |
जो प्रिय या मृदु या मधुर बोलता है | प्रियंवद, प्रियवादी, प्रियभाषी, मधुरभाषी, मृदुभाषी, मिष्टभाषी, मिट्ठू |
प्रिय या मृदु वचन बोलने वाली स्त्री | प्रियंवदा |
देखने में प्रिय लगने वाला | प्रियदर्शी |
वह जिससे प्रेम किया जाये | प्रिय-पात्र, प्रेम-पात्र |
किसी से प्रेम करने वाली स्त्री | प्रेयसी |
वह स्त्री जिसका पति विदेश गया हो या प्रवासी हो | प्रोषितपतिका, प्रोषितभर्तृका, प्रोषितप्रेयसी |
वह नायक जो अपनी भार्या के प्रवास के कारण दुःखी हो | प्रोषितभार्य |
‘फ’
वाक्यांश | एक शब्द |
अधिक और व्यर्थ का खर्च करने वाला | फ़ज़ूलख़र्च (फ़िज़ूलख़र्च), अपव्ययी |
अधिक और व्यर्थ खर्च करना | फ़ज़ूलख़र्ची (फ़िज़ूलख़र्ची), अपव्यय |
दुकानदार का वह कपड़ा जिसे वह ज़मीन पर बिछाकर अपनी विक्रय सामग्री सजाता है, जुआ खेलने का स्थान | फड़ |
फलने वाला या फूल (ठीक परिणाम) देने वाला | फलदायी |
फल को इस प्रकार रखना कि गलने सड़ने न पाये | फल-परिरक्षण |
फल की इच्छा या आकांक्षा या कामना या अपेक्षा | फलाकांक्षा, फलकामना, फलापेक्षा |
फल की कामना करने वाला या आकांक्षा रखने वाला | फलकाम, फलासक्त, फलार्थी, फलाकांक्षी, फलान्वेषी |
केवल फल खाकर रहने वाला | फलाहारी |
मोमबत्ती जलाने का शीशे का गिलास या शमादान | फ़ानूस |
अचानक होने वाला उपद्रव या दंगा-फ़साद | फ़ितना |
वह पात्र जिसमें शोभा के लिये फूल लगाकर रखे जाते हैं | फूलदान |
घूम-घूमकर सौदा बेचनेवाला व्यापारी | फेरीवाला |
‘ब’
वाक्यांश | एक शब्द |
बाँस का डंडा जो कंधे पर रखा जाता है और उसके दोनों ओर उपयोगी सामग्री टाँगकर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जाता है | बँहगी, बहँगी |
समुद्र के अंदर की आग | बड़वानल, बड़वाग्नि |
किसी देवता पर चढ़ाने के लिये किसी पशु को मारने की क्रिया; देवता पर चढ़ायी गयी वस्तु, चढ़ावा | बलि |
जिसे समाज या जाति से बाहर निकाल दिया गया हो | बहिष्कृत |
जिसकी चर्चा बहुत हुई हो | बहुचर्चित |
जो बहुत से विषयों का जानकार हो | बहुज्ञ |
जिसने बहुत कुछ देखा हो | बहुदर्शी |
यह सिद्धान्त कि देवता बहुत से हैं जिनकी उपासना की जानी चाहिए | बहुदेववाद |
अनेक धंधों से संबंध रखने वाला | बहुधंधी |
जिसकी अधिक प्रतीक्षा की गयी हो | बहुप्रयोजनीय, बहुउद्देश्यीय |
अनेक पत्नी वाला | बहुपत्नीक |
अनेक स्त्रियों से विवाह कर सामाजिक जीवन व्यतीत करने की प्रथा | बहुपत्नीत्व, बहुपत्नीप्रथा |
बहुत से बच्चों की माँ | बहुप्रसू |
बहुत सी भाषाओं का ज्ञाता | बहुभाषज्ञ, बहुभाषाविद् |
अनेक भाषा बोलने वाला | बहु-भाषा-भाषी |
बहुत बोलने वाला | बहुभाषी, बकवादी |
आधे से अधिक लोगों की मिलकर एक राय | बहुमत |
अनेक जड़ों वाला | बहुमूल |
अधिक क़ीमत (मूल्य) वाला | बहुमूल्य |
अनेक प्रकार के रूप धारण करने वाला | बहुरूपिया |
जिसने अनेक विषयों का ज्ञान सुना और स्मरण रख लिया हो | बहुश्रुत |
बड़ी संख्या वाला या अपेक्षाकृत जिसकी संख्या अधिक हो | बहुसंख्यक |
असभ्य, उजड्ड और गवाँर | बाँगड़ू |
बाढ़ में न डूबने वाली ज़मीन, ऊँची भूमि, पुरानी जलोढ़ जहाँ तक बाढ़ का पानी नहीं पहुँचता | बाँगर |
जिस स्त्री को संतान न पैदा होती हो | बाँझ (वंध्या) |
दीमकों के रहने का भीटा, दीमकों का बनाया हूआ मिट्टी का भीट | बाँबी, बिमौट, बिमौरा, वल्मीक |
जो बालकों के लिये उपयोगी हो | बालोपयोगी, बालकोपयोगी |
बुद्धि द्वारा ग्रहण किये जाने योग्य | बुद्धिग्राह्य |
जिसकी जीविका बुद्धि के (दिमागी) काम से चलती हो | बुद्धिजीवी |
खाने की इच्छा | बुभुक्षा |
जिसे भूख लगी हो | बुभुक्षित, भूखा, क्षुधातुर, क्षुधित |
जानने की इच्छा | बुभुत्सा |
जानने का इच्छुक | बुभुत्सु, जिज्ञासु |
यश की इच्छा या शुभ, कल्याण, शक्ति आदि की इच्छा | बुभूषा |
यश का इच्छुक या शुभ, कल्याण, शक्ति आदि का इच्छुक | बुभूषु, बुभूषक |
जिसको किसी बात की खबर न हो | बेखबर |
जिसके जोड़ (मुकाबले) का कोई न हो | बेजोड़ |
जिसका कोई रोजगार नहीं है | बेरोजगार |
समझ में आने योग्य या जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके | बोधगम्य |
गया का एक पीपल का वृक्ष जिसके नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान (बोधिसत्व, संबोधि) प्राप्त हुआ | बोधिवृक्ष, बोधितरु, बोधिद्रुम |
बुद्धत्व प्राप्त करने का अधिकारी | बोधिसत्व |
बहुत ही छोटे क़द का आदमी | बौना |
आम की मंजरी | बौर |
सूर्योदय से पहले दो घड़ी तक का पवित्र समय | ब्रह्ममुहूर्त्त |
‘भ’
वाक्यांश | एक शब्द |
किसी टूटी-फूटी (भग्न) इमारत या बस्ती का बचा हुआ अंश (अवशेष) | भग्नावशेष |
जिसका भजन करना उचित और आवश्यक है | भजनीय |
जो भय से घबराया हुआ हो | भयाकुल |
भय (डर) उत्पन्न करने वाला | भयानक, भयावह, डरावना |
जो भविष्य में निश्चित रूप से होने को है | भवितव्य, भावी |
जो व्यक्ति भाग्य पर विश्वास करे | भाग्यवादी |
जो अच्छे भाग्य वाला हो | भाग्यवान्, भाग्यशाली, ख़ुशक़िस्मत |
भाग्य निश्चित करने वाला, अदृष्ट का नियंता | भाग्यविधाता |
भाग्य पर आश्रित | भाग्याधीन, भाग्याश्रित |
भाग्य का भागना (उदय) | भाग्योदय |
शीघ्र क्रुद्ध हो जाने वाली स्त्री | भामिनी |
भारत देश से संबंधित या भारत में उत्पन्न | भारतीय, भारतवासी |
भारत और यूरोप से संबंधित | भारोपीय |
जो अनेक भाषाओं का ज्ञाता हो | भाषाविद् |
सूत्र ग्रंथों की विस्तृत व्याख्या, गूढ़ बात की विस्तृत व्याख्या | भाष्य |
भीख (भिक्षा) माँगने वाला | भिक्षुक, भिक्षु |
दीवार (भित्ति) पर बना चित्र | भित्तिचित्र |
भोजन की इच्छा | भूख, क्षुधा |
भूगर्भ विज्ञान का जानकार | भूगर्भवेत्ता, भूगर्भशास्त्री |
ऐसा शास्त्र जिसमें पृथ्वी (भू) के स्वरूप (गोल) का वर्णन हो | भूगोल |
भूतों (पंचमहाभूत) के ईश | भूतेश्वर (शिवजी) |
(किसी पद पर) जो पहले रहा हो जिसका भोग करना उचित हो | भूतपूर्व |
जो भू (भूमि) को धारण करता है | भूधर |
जिसका भोग करना उचित हो | भोग्य |
भूगोल से संबंधित या भूगोल का | भौगोलिक |
गर्भस्थ शिशु (भ्रूण) की हत्या | भ्रूणहत्या |
‘म’
वाक्यांश | एक शब्द |
जिसकी बुद्धि मंद हो | मंदबुद्धि |
फूल का रस | मकरंद |
चुनाव में अपना मत देने की क्रिया | मतदान |
किसी विषय में एक का दूसरे या दूसरों से मत न मिलना | मतभेद |
मत का अनुयायी | मतानुयायी, मतावलंबी |
मतिमंद (मूर्ख) होने की अवस्था | मतिमांद्य |
मत की एकता या समानता | मतैक्य |
मति ( नशा, अहंकार, मतिभ्रम) से अंधा अर्थात् जिसे मस्ती, गर्व आदि के कारण भले बुरे का कुछ ज्ञान न हो | मदांध |
मदमत्त हाथी, इंद्र का हाथी ऐरावत | मदांबर |
जो मद्यपान करने का आदी हो | मद्यप |
दो विरोधी मार्गों के बीच का मार्ग | मध्यमार्ग |
समाज में उच्चवर्ग और निम्नवर्ग के बीच का वर्ग | मध्यवर्ग |
दोपहर का समय | मध्याह्न, मध्यदिव |
मन को मोह लेने वाला | मनमोहक, मनमोहन |
मन, वचन और करम से | मनसा-वाचा-कर्मणा |
मनाने का ढंग या यत्न | मनुहार |
मन के दुर्बल होने की स्थिति या भाव | मनोदौर्बल्य |
पसंद किया हुआ या जो मन के अनुकूल हो या चुना हुआ | मनोनीत |
मन के मलिन होने की स्थिति या भाव | मनोमालिन्य |
मन और उसकी अवस्थाओं तथा क्रियाओं का अध्ययन करने वाला शास्त्र | मनोविज्ञान |
मन के किसी ओर प्रवृत्त होने या उससे हटने की अवस्था / मन की स्वाभाविक स्थिति | मनोवृत्ति |
मन को हर लेने वाला | मनोहर |
मरना ही जिसका धर्म हो | मरणधर्मा, मरणशील |
जो मृत्यु (मरण) के समीप (आसन्न) हो | मरणासन्न |
रेतीला और जलरहित प्रदेश | मरुस्थल, रेगिस्तान |
किसी बात के मर्म (गूढ़ रहस्य) को जानने वाला | मर्मज्ञ |
जिसके हृदय को चोट पहुँची हो | मर्माहत |
जो मर्यादा के अनुरूप हो | मर्यादित |
पूस-माघ की वर्षा, वह वर्षा जो जाड़े में हो, जाड़े की झड़ी | महावट |
शास्त्रानुसार अभिषिक्त राजा या सम्राट | महिष |
महिष या सम्राट की प्रमुख पत्नी या राजा के साथ अभिषेक की हुई रानी | महिषी, राजमहिषी, पट्टमहिषी, पटरानी |
पकाये गये चावल का बचा हुआ पानी, पसाव | माँड |
मांस का भोजन करने वाला | मांसाहारी |
माँ होने का भाव, संतानवती होने की अवस्था | मातृत्व |
जो माता की हत्या कर चुका | मातृहंता |
मानने योग्य | माननीय |
मानव जाति से परे (इतर) | मानवेतर |
मान (रूठना) करने वाली स्त्री | मानिनी, मानवती |
माया संबंधी या माया के रूप में होने वाला | मायावी |
मार्ग (पथ) दिखाने वाला | मार्गदर्शक, रहनुमा, पथप्रदर्शक |
जो अपने मार्ग से भटक (भ्रमित) गया हो | मार्गभ्रमित |
जो अपेक्षाकृत कम बोलता हो | मितभाषी |
कम या नपा-तुला खर्च करने वाला | मितव्ययी |
थोड़ा और नपा-तुला भोजन करने वाला | मिताहारी |
मिथ्या (झूठ) बोलने वाला | मिथ्यावादी |
मिष्ट (मधुर) भाषण करने वाला | मिष्टभाषी, मधुरभाषी |
जिसकी आँखें (मीन) के आकार की तरह सुन्दर हों | मीनाक्षी |
जो मुक़दमा लड़ता रहता है | मुकदमेबाज |
जो पुष्प पूर्ण रूप से विकसित न हुआ हो | मुकुल, कली |
ज़ोर से बोलने वाला, निडर होकर बोलने वाला, सीमा को न मानने वाला | मुक्तकंठ |
जो खुले हाथों दान/व्यय करता हो | मुक्तहस्त |
प्रदेश या राज्य के मन्त्रियों में सबसे बड़ा | मुख्यमंत्री |
यौवन को प्राप्त हो रही मुग्ध (सुंदर) नायिका | मुग्धा |
वह स्थिति जब मुद्रा का चलन अधिक हो | मुद्रास्फीति |
मोक्ष की कामना या इच्छा | मुमुक्षा |
जिसे मोक्ष की कामना हो | मुमुक्षु |
मर जाने की इच्छा या कामना | मुमूर्षा |
जिसे मर जाने की कामना या इच्छा हो | मुमूर्षु |
मृग की सी आँखों के समान जिस स्त्री की आँखें हों | मृगनयनी, मृगाक्षी |
मृग को मरु में जल दिखायी देने की भ्रांति | मृगमरीचिका |
कमल का डंठल जिसमें फुल लगा रहता है | मृणाल, कमलनाल |
मरा हुआ | मृत |
जिसने मृत्यु को जीत लिया हो | मृत्युंजय |
मृत्यु तक | मृत्युपर्यंत |
मेघ के समान जो नाद (गरजता) करता हो | मेघनाद |
बादलों (मेघों) से ढका (आच्छन्न) हुआ | मेघाच्छन्न |
असाधारण मेधा बुद्धि वाला | मेधावी |
न बोलने का संकल्प | मौनव्रत |
न बोलने का संकल्पधारी या चुप रहने वाला | मौनव्रतधारी, मौनव्रती, मौनी |
अंतस्थ वर्ग
‘य’
वाक्यांश | एक शब्द |
यात्रा करने वाला | यात्री |
क्रम के अनुसार | यथाक्रम |
जैसा है उसी के अनुरूप | यथानुरूप |
जैसा पहले था वैसा ही | यथापूर्व |
जैसा होना चाहिए ठीक वैसा ही | यथार्थ |
ज्यों का त्यों या जैसे का तैसा | यथावत् |
जैसी विधि निर्धारित हो उसी के अनुसार | यथाविधि, विधिपूर्वक |
जैसे किसी की शक्ति हो उसी के अनुसार | यथाशक्ति |
जहाँ तक और जितना संभव हो | यथासंभव |
जहाँ तक और जितना सध सके | यथासाध्य |
ठीक जगह (स्थान) पर | यथास्थान |
जिस रूप में अब तक चल रहा हो | यथास्थिति |
यह मंतव्य कि वस्तु को यथापूर्व स्थिति में रहने देना चाहिए | यथास्थितिवाद |
जैसा उचित हो वैसा | यथोचित |
जितना चाहिए उतना | यथेष्ट |
मनमाना आचरण | यथेष्टाचरण, यथेष्टाचार |
मनमाना आचरण करने वाला | यथेष्टाचारी |
कहे हुए के अनुसार | यथोक्त |
मनमाने ढंग से, इत्तफ़ाक़ से | यदृच्छया, अकस्मात् |
स्वेच्छानुसार किया गया व्यवहार (मनमानापन), आकस्मिक संयोग (इत्तफ़ाक़) | यदृच्छा |
रंगमंच का परदा | यवनिका |
जौ का माँड | यवमंड, यवागू |
लोहे आदि धातुओं को जंग से बचाने हेतु उनपर विद्युत आदि की सहायता से जस्ते का पानी चढ़ाना | यशदीकरण |
यश वाला व्यक्ति | यशस्वी |
यश का नाश करने वाला | यशोघ्न |
किर्ति (यश) पाने की लालसा | यशोलिप्शा |
पताका का डंडा | यष्टि |
गले में पहनने का एक प्रकार का हार | यष्टी |
वह शास्त्र जिसमें यन्त्रों के बनाने, चलाने और सुधारने का विवेचन होता | यांत्रिकी |
जो कोई वस्तु माँगता हो या याचना करता हो | याचक |
किसी से अनुग्रहपूर्वक कुछ माँगना | याचना |
प्रायः याचना करने वाला | याचिष्णु |
यजुर्वेद से संबंधित या यजुर्वेद का ज्ञाता | याजुष |
यज्ञ करने और कराने वाला व्यक्ति | याज्ञिक |
यात्रा करने वाला | यात्री, मुसाफ़िर |
जो क्रमरहित हो या बेतरतीब हो या अप्रत्याशित हो, बिना सोचे समझे | यादृच्छिक |
घूमने-फिरने वाला आदमी, घुमक्कड़ | यायावर |
सारा जीवन या जीवन भर या आजीवन | यावज्जन्म, यावज्जीवन |
यज्ञ का इच्छुक | यियक्षु |
संभोग का इच्छुक | यियप्सु |
जाने की इच्छा | यियासा |
जाने को इच्छुक | यियासु |
उचित आहार करने वाला | युक्ताहार |
युग का निर्माण करने वाला | युगनिर्माता |
अपने युग का बहुत बड़ा व्यक्ति | युगपुरुष |
समुद्री जहाज जिस पर से सैनिक युद्ध करते हैं | युद्धपोत |
जो युद्ध में स्थिर रहता है | युधिष्ठिर |
युद्ध करने की प्रबल इच्छा | युयुत्सा |
युद्ध करने की प्रबल इच्छा करने वाला | युयुत्सु |
राजगद्दी का उत्तराधिकारी / सबसे बड़ा राजकुमार | युवराज |
यूरोप और एशिया से संबंधित | यूरेशिया |
युवा या युवती होने की अवस्था | यौवन |
राज्य के उत्तराधिकारी राजकुमार का अभिषेक कृत्य | यौराज्याभिषेक |
‘र’
वाक्यांश | एक शब्द |
वह ऊँचा उठा हुआ स्थान जहाँ पर पात्र अभिनय करते हैं | रंगमंच |
पुलिस या सेना में नया भरती जवान | रंगरूट |
रक्त के दबाव का मात्रक/अनुपात से घट-बढ़ जाने का रोग | रक्तचाप |
रक्त (खून) से रँगा या लथपथ | रक्तरंजित |
लाल आँखों वाला | रक्ताक्ष |
ललाई लिये हुए | रक्तिम |
रक्षा करने वाला | रक्षक |
जिसकी रक्षा करना उचित या आवश्यक हो / रक्षा किये जाने योग्य | रक्षणीय |
अयोध्या के महाराज रघु के वंश का | रघुवंशी, राघव |
बड़े-बड़े खम्भों में लोहे के रस्से बाँधकर बनाया गया मार्ग | रज्जुमार्ग |
रति से आनंदित स्त्री | रतिप्रीता, कामिनी |
रात में न दिखायी पड़नेवाला नेत्र संबंधी रोग | रतौंधी |
जहाँ रानियाँ निवास करती हैं, रानियों का महल | रनिवास, अंतःपुर |
रस (मीठा रस) में पका चावल | रसिआउर |
कुँए से पानी निकालने का यंत्र विशेष | रहँट |
राजा द्वारा संचालित शासन | राजतंत्र |
राज्य का विदेश में प्रतिनिधि | राजदूत |
राजा या राज्य के प्रति किया जाने वाला विद्रोह / राज्य के प्रति द्रोह या बैर | राजद्रोह |
राज्य द्वारा आधिकारिक रूप से प्रकाशित होने वाला पत्र | राजपत्र, गजट |
जिसकी सूचना राजपत्र (गज़ट) में दी गयी हो | राजपत्रित |
राजा के रहने का भव्य भवन या प्रासाद | राजप्रासाद, राजभवन, राजमहल, राजवसति, राज-हर्म्य |
राजा का वैभव, राजा की सुख-संपदा और वैभव | राज-लक्ष्मी, राज-श्री |
वह धन जो आधिकारिक रूप से राज्य को मिलता हो | राजस्व |
राधा का पुत्र या राधा द्वारा पालन-पोषण किया हुआ पुत्र | राधेय (कर्ण) |
निश्चित, संपन्न और सुखी राज्य, लोक-कल्याणकारी-राज्य की पराकाष्ठा से संबंधित अवधारणा, भगवान राम का राज्य | राम-राज्य |
लोक प्रचलित अभिवादन | राम-राम (नमस्कार) |
किसी समस्या का अमोघ उपाय; शीघ्र, गुणकारी व अमोघ औषध | रामवाण (रामबाण) |
किसी राष्ट्र का सबसे बड़ा राज्याधिकारी, राष्ट्र का प्रधान | राष्ट्रपति |
आनंदमय क्रीड़ा या विलास, भगवान कृष्ण और गोपियों द्वारा घेरा बनाकर किया जाने वाला नृत्य | रास |
श्रीकृष्ण और गोपियों की प्रेमपूर्ण लीलाएँ | रासलीला |
उत्तराधिकार में मिली जायदाद | रिक्थ |
रोष से भरा हुआ | रुष्ट |
वह काव्य जिसका अभिनय किया जाये | रूपक |
भेड़-बकरियों का झुंड | रेवड़ |
पगी हुई चीनी या गुड़ की सफेद तिल मिश्रित छोटी टिकिया | रेवड़ी |
जिसके रोंगटे खड़े हो गये हों | रोमांचित |
‘ल’
वाक्यांश | एक शब्द |
लम्बे या मोटे उदर (पेट) वाला | लंबोदर |
वह व्यक्ति जो लकड़ियाँ काटकर अपना रोजगार चलाता है | लकड़हारा |
शीघ्र पकने वाला | लघुपाक |
दान में प्राप्त दास | लब्धदास |
जिसने प्रतिष्ठा (सम्मान) प्राप्त किया हो | लब्धप्रतिष्ठ |
चिकनी-चुपड़ी बात | लल्लो-चप्पो |
जिसका इलाज न हो | लाइलाज |
जो कोई जवाब (उत्तर) न दे सके / जिसका उत्तर न दिया जा सके | लाजवाब |
कागजातों को लाल फ़ीते के अंदर बंद रखे रहना जिससे अनावश्यक विलंब होता है | लालफ़ीताशाही |
लालसा रखने वाला या ललचाया हुआ | लालायित |
कुछ लाभ पाने की चाह | लिप्सा |
लोभ में पड़ा हुआ या ललचाया हुआ या लुभाया हुआ | लुब्ध |
आय-व्यय लेन-देन का लेखा करने वाला | लेखाकार, लेखपाल |
जिह्वा से चाटने की क्रिया | लेहन |
मजदूरी के रूप में दिया जाने वाला कटे हुए फसल का अंश | लेहना |
जन सामान्य (लोक) के गीत या जन समुदाय में प्रचलित परंपरागत गीत | लोकगीत |
वह शासन प्रणाली जो लोक द्वारा, लोक (जनता) के लिए निश्चित होती है | लोकतंत्र |
जन साधारण (लोक) को पसंद आने वाला | लोकप्रिय |
लोक की सेवा करने वाला, राजकीय कर्मचारी | लोकसेवक |
लोक में प्रचलित वस्तुओं से अधिकतर बढ़कर | लोकोत्तर |
बच्चों को थपकी देते हुए सुलाने का गीत | लोरी |
लालसा करने वाला | लोलुप, लोभी |
इस लोक (संसार) से संबंध रखने वाला | लौकिक |
जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ हो | लौहपुरुष |
‘व’
वाक्यांश | एक शब्द |
जो वंदना के योग्य हो | वंदनीय, वंद्य |
वह स्त्री या मादा पशु जो संतान उत्पन्न करने में असफल हो | वंध्या, बाँझ |
उस वंश में उत्पन्न व्यक्ति | वंशज |
जो वचन से परे हो | वचनातीत |
वज्र रहता है हाथ में जिसके | वज्रपाणि (इंद्र) |
बचपन और जवानी की उम्र के बीच की संधि | वयःसंधि |
वर प्रदान करने वाला | वरदाता, वरदायक |
लड़के (वर) वाले लोग | वरपक्ष |
विवाह हेतु वर का वधू के यहाँ जाना | वरयात्रा, बरात |
जो वर्णन करने के परे या जिसका वर्णन करना असम्भव हो | वर्णनातीत |
जो बढ़ रहा हो | वर्द्धमान |
जो निरन्तर कई वर्षों से चलता रहे या होता रहे | वर्षानुवर्ष |
दीमक, चींटी आदि की चाली हुई मिट्टी का ढेर | वल्मीक (बाँबी), बिमौट, बिमौरा |
वसंत पंचमी के दिन मनाया जाने वाला उत्सव | वसंतोत्सव |
कन्या जिसके विवाह कर देने का वचन दे दिया गया हो | वाग्दत्ता |
कन्या का विवाह कर देने का वचन देने की रस्म | वाग्दान |
जो व्यर्थ की और बहुत बातें करता है | वाचाल |
लिखित साहित्य का संग्रह, वाणी (वाक्) का विकार या मय (सहित) | वाङ्मय (वाक्+मय) |
ग्रंथ की भूमिका | वाङ्मुख |
ऐसी व्यवस्था करना कि बाहर के तापमान का प्रभाव भीतर न पड़े | वातानुकूलन |
वह जो किसी के विरुद्ध वाद (मुकदमा) पेश करे | वादी, मुद्दई |
वनस्पति का आहार करने वाला | वानस्पत्याहारी |
बायीं ओर से घूमना, घड़ी की सूइयों के घूमने की विपरीत दिशा में घूमना | वामावर्त |
वर्ष में एक बार होने वाला | वार्षिक |
प्रतिवर्ष दी जाने वाली वृत्ति या अनुदान | वार्षिकी |
वसुदेव के पुत्र | वासुदेव (श्रीकृष्ण) |
जो कोई वस्तु वहन करता है | वाहक |
जिसका कोई अंग बेकार हो गया हो | विकलांग |
एक से अधिक बातों में से कोई एक | विकल्प |
जिसमें कोई विकार या परिवर्तन होता हो | विकारी |
जिसमें किसी प्रकार का विकार हो | विकृत |
विकृति होने का भाव | विकृति |
केंद्र से हटाना, एक स्थान पर केंद्रित शक्तियों और अधिकारों को बाँट देना | विकेंद्रीकरण |
वस्तुओं की बिक्री करने वाला | विक्रेता |
विघ्न डालने वाला | विघ्नकारी, विघ्नक |
जिसे जीत लिया गया हो | विजित |
जिसकी जानकारी बहुत अधिक हो | विज्ञ |
लोगों की जानकारी के लिये पत्रों आदि में प्रकाशित बात या सूचना | विज्ञापन |
पैसे की चाह या धन की लालसा | वित्तैष्णा |
जो नीतिज्ञ और विद्वान हो | विदुर |
जो स्त्री विद्वान् हो | विदुषी |
बहुत दूर का | विदूर, सुदूर |
वह व्यक्ति जो लोगों का मनोरंजन करता हो | विदूषक, मसखरा, भाँड |
दूसरे देश का, दूसरे देश में रहने वाला | विदेशी |
जिस पुरुष के पास विद्या हो | विद्यावान्, विद्यावाला, विद्वान |
जिस स्त्री के पास विद्या हो | विद्यावती, विदुषी |
जो अपने धर्म के विपरीत आचरण करता हो (धर्मभ्रष्ट), जो किसी दूसरे धर्म का अनुयायी हो | विधर्मी |
वह स्त्री जिसका पति (धव) मर गया हो | विधवा |
करने या न करने का शास्त्रीय निर्देश | विधि-निषेध |
विधि (कानून) द्वारा प्रदत्त (प्राप्त) | विधिप्रदत्त |
जो क़ानून (विधि) के प्रतिकूल (विरुद्ध) हो | विधि-विरुद्ध |
जो क़ानून (विधि) के अनुकूल (सम्मत) हो | विधि-सम्मत |
वह पुरुष जिसकी पत्नी मर गयी हो अर्थात् जिसके परिवार की गाड़ी पत्नीरूपी ‘धुर’ या ‘धुरे’ से विरहित है | विधुर |
कानून का रूप देने के लिये प्रस्तुत किया गया प्रस्ताव या मसौदा | विधेयक |
एक वस्तु लेकर उसके बदले में दूसरी वस्तु देना | विनिमय |
जिसको पत्नी का साथ न | विपत्नीक |
मार्ग से इधर उधर होना या विचलन | विपथन |
तारों भरी रात | विभावरी |
जो सबमें व्याप्त हो या सर्वत्र वर्तमान हो | विभु, सर्वव्यापक |
विरुद्ध मत या किसी मामले के ख़िलाफ़त दिया गया मत | विमति |
सौतेली माँ | विमाता |
योग या मिलन न होने की अवस्था | वियोग |
आसक्ति से रहित, भोग विलास आदि से दूर रहने वाला | विरक्त |
दुखियारी औरत | विरक्ता |
अनुरक्ति न रहने की अवस्था या भाव | विरक्ति |
विरोध करने वाला या विरुद्ध पड़ने वाला | विरोधी |
किसी की कीर्ति या गाथा (विरुद) का विस्तृत यशोगान | विरुदावली |
किसी पदार्थ या राज्य का दूसरे पदार्थ या राज्य में मिल जाना | विलय |
विवाद में फँसा हुआ | विवादग्रस्त, विवादास्पद |
जिस पुरुष का विवाह हो चुका हो | विवाहित |
जिस स्त्री विवाह हो चुका हो | विवाहिता |
भले-बुरे की पहचान करने का ज्ञान | विवेक |
जो किसी विषय का विशेष ज्ञान रखता हो | विशेषज्ञ |
किसी वस्तु या विषय के अंगों को अलग-अलग करके देखना | विश्लेषण |
विश्व का भरण पोषण करने वाला | विश्वंभर (विष्णुजी) |
विश्व का भरण पोषण करने वाली | विश्वंभरा (पृथ्वी) |
जिसकी ख्याति विश्व भर में व्याप्त हो | विश्वविख्यात, विश्वविश्रुत, विश्वप्रसिद्ध |
जिस पर विश्वास किया जा सकता हो या विश्वास के योग्य | विश्वसनीय |
जिसका विश्वास किया जाये | विश्वस्त, विश्वासपात्र |
जो विश्व का मित्र हो | विश्वामित्र |
विषय में लगा हुआ या विषय से आसक्त | विषयासक्त |
वीणा है जिसके हाथ में वह देवी | वीणापाणि (सरस्वती) |
जिसकी कामना वीत चुकी हो या जो कामना रहित हो | वीतकाम, कामनाहीन |
राग (प्रेम) से वीत (रहित) | वीतराग |
व्यर्थ या बिना प्रयोजन (वृथा) के समय अर्थात् काम के लिये अनुपयुक्त समय | वृथासमय |
ज्ञान संबंधी या विज्ञान का विद्वान् | वैज्ञानिक |
जो वेतन पर कार्य करता हो | वैतनिक |
विदेश का या विदेश में होने वाला | वैदेशिक |
जो विधि की दृष्टि से ठीक हो | वैध |
व्याकरण का ज्ञाता या व्याकरण से संबंधित | वैयाकरण |
किसी एक व्यक्ति या व्यक्ति से संबंधित | वैयक्तिक, व्यक्तिगत, निजी |
विष्णु संबंधी या उस संप्रदाय के नियमों पर चलने वाला | वैष्णव |
पर-स्त्री से अनुचित संबंध रखने वाला | व्यभिचारी( |
व्यवस्था करने वाला | व्यवस्थापक |
समूह या समाज में से अलग किया हुआ प्रत्येक व्यक्ति या पदार्थ; वह जिसका विचार अकेले हो, औरों के साथ न हो; समष्टि का एक विशिष्ट और पृथक् अंश | व्यष्टि |
वह जो किसी विषय की व्याख्या करके पढ़ाता है | व्याख्याता |
ऊष्म वर्ग
‘श’
वाक्यांश | एक शब्द |
जो सदा दूसरों पर संदेह (शंका) करता है या प्रायः संदेह (शंका) करने वाला | शंकालु, शंकाशील |
जो शक्तिशाली (बलिष्ठ, ताक़तवर) हो | शक्तिमान् |
एक ही तरह की सौ वस्तुओं का संग्रह | शतक |
सौ में से सौ | शत-प्रतिशत |
सौ वर्ष की अवधि या समय | शताब्दी, शतवर्ष |
शत्रुओं को मार डालने वाला | शत्रुघ्न |
जहाँ से शब्द होता हो वहीं पर बाण से मारने वाला | शब्दवेधी, शब्दभेदी |
जिसे शब्दों से नहीं व्यक्त किया जा सकता | शब्दातीत |
किसी व्यक्ति द्वारा शपथ (हलफ) के साथ लिखा हुआ न्यायालय में प्रस्तुत पत्र | शपथपत्र (हलफनामा) |
सोने का स्थान या कमरा | शयनागार, शयनकक्ष |
शरण में आया हुआ | शरणागत |
वह जो किसी की या किसी स्थान में शरण चाहता हो | शरणार्थी |
चाँदनी रात | शर्वरी |
जो शशि (चंद्रमा) को (सिर) पर धारण करता हो | शशिधर (शिवजी) |
हाथ में लेकर चलाया जाने वाला हथियार | शस्त्र |
वह जो केवल अन्न, फल, शाक, सब्जी, खाता हो | शाकाहारी |
वह जो शक्ति या देवी की उपासना करता है | शाक्त |
हरा-भरा मैदान | शाद्वल |
सदा रहने वाला | शाश्वत |
जिसके ऊपर शासन हो | शासित |
जिसे शास्त्रों की अच्छी जानकारी हो | शास्त्रज्ञ |
आदरपूर्वक सिर पर धारण करने या स्वीकार करने योग्य | शिरोधार्य |
जो तेज (शीघ्र) चलता (गमन) करता हो | शीघ्रगामी |
ठंडा और गर्म | शीतोष्ण |
चांद्रमास का वह पक्ष जब शाम से ही चन्द्रमा के दर्शन होने लगते हैं | शुक्लपक्ष |
जिसके हाथ (पाणि) में शूल (त्रिशूल) | शूलपाणि (शिवजी) |
वह जो शिव संबंधी या शिव संप्रदाय के नियमों का पालन करता हो | शैव |
शिशु संबंधी या शिशुओं की अवस्था से संबंधित | शैशव |
वह जिसका शोषण किया जाय | शोषित |
ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य पिता से शूद्रा माता से उत्पन्न पुत्र | शौद्र |
मुर्दे या शव जलाने का स्थान | श्मशान |
सुनने योग्य | श्रवणीय, श्रव्य |
जिसका तेज नष्ट हो गया हो | श्रीहत्, तेजोहत्, निःतेज (निस्तेज) |
‘ष’
वाक्यांश | एक शब्द |
वह आकृति जिसमें छः कोण हों | षट्कोण |
छः-छः महीने पर होने वाला | षट्माषिक |
वह जिसके छः आनन (मुख) हैं | षट्मुख, षडानन, कार्तिकेय |
छः प्रमुख भारतीय दर्शन | षड्दर्शन |
किसी के विरुध्द साज़िश | षड्यंत्र |
चांद्रमास के किसी पक्ष (कृष्ण या शुक्ल) की छठी तिथि | षष्ठी |
सोलह वर्ष की युवती या कन्या | षोडषी |
‘स’
वाक्यांश | एक शब्द |
जो दो या अधिक भिन्न तत्त्वों या जातियों के संसर्ग से उत्पन्न हो | संकर |
किसी बात को करने का निश्चय | संकल्प |
एक से दूसरी स्थिति में पहुँचना, अधिकार का अंतरण | संक्रमण |
किसी रोगी द्वारा दूसरों के लगे रोग द्वारा फैलने वाला, जो संसर्ग से या छूत से फैलता हो (रोग) | संक्रामक |
दो धाराओं या नदियों के मिलन का स्थान | संगम |
जो संगीत जानता है | संगीतज्ञ |
वह स्थान जहाँ स्थायी महत्त्व की वस्तुओं का संग्रह हो | संग्रहालय |
संचय किया हुआ | संचित |
जिसके संबंध में संदेह हो | संदिग्ध |
संदेश ले जाने वाला | संदेशवाहक |
दो वर्णों (अक्षरों) के मेल होने से वर्ण-विकार; दो पक्षों के मध्य सुलह या समझौता | संधि |
वह जो साँप पकड़कर पालता और तमाशे दिखाता है | सँपेरा |
साथ में लगा हुआ पत्र | संलग्नक |
कुछ खास शर्तों द्वारा कोई कार्य करने कराने का समझौता | संविदा |
अलग-अलग अवयवों को एक में जोड़ना | संश्लेषण |
संहार करने वाला या जो सृष्टि (संसार) का संहार करता हो | संहर्ता, संहारकर्ता, संहारक |
एक ही जाति का | सजातीय |
पति की चिता संग जल जाने वाली या सहगामिनी | सती |
सत्य बोलने वाला, जो असत्य न बोले | सत्यवादी |
किसी सत्ता के विरुद्ध अपना सत्य मनवाने के लिये किया गया आन्दोलनात्मक आग्रह या जो आग्रह सत्य हो | सत्याग्रह |
सद् (अच्छे) आचरण वाला | सदाचारी |
नित्य दीन-दुखियों को भोजन देने की व्यवस्था | सदावर्त |
जिसने अभी हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो, सद्यः (तत्काल, तुरंत) प्रसूता (जन्मदात्री) | सद्यःप्रसूता |
वह स्त्री जिसका पति जीवित हो | सधवा |
अनेक घटनाओं का एक साथ घटित होना | सन्निपात |
जो अपनी पत्नी के साथ हो | सपत्नीक |
अपने परिवार के सदस्यों के साथ हो | सपरिवार |
चांद्रमास के किसी पक्ष की सातवीं तिथि | सप्तमी |
सात दिनों की अवधि | सप्ताह |
सभ्य होने की अवस्था, गुण या भाव | सभ्यता |
उसी समय में होने वाला या रहने वाला या एक ही समय का | समकालीन, समसामयिक |
जो सबको समान भाव से देखे | समदर्शी |
संबंध की दृष्टि से किसी के पुत्र या पुत्री का श्वसुर (ससुर) | समधी |
जिसका समर्थन किया गया हो | समर्थित |
समान उम्र (वय, आयु) वाला | समवयस्क, समआयु, हमउम्र |
जहाँ सर्दी और गर्मी की मात्रा बराबर हो या न अधिक उष्णता और न अधिक शीत वाला | समशीतोष्ण |
सम्पूर्ण से सम्बन्धित या सामूहिक होने का भाव | समष्टि |
उसी समय में होने वाला या रहने वाला या एक ही समय में वर्तमान | समसामयिक, समकालीन |
किसी कृति के गुण-दोष का विवेचन या आलोचना | समालोचना |
दो या दो से अधिक शब्दों या पदों का योग | समास |
जो पुस्तकों की समीक्षा (गुण-दोष विवेचन) करता है | समीक्षक |
मनुष्यों का किसी विशेष विषय पर विचार के लिये मिलन | सम्मेलन |
जो सर (तालाब) में जन्मता हो | सरसिज (कमल) |
सबको जीतने वाला | सर्वजयी, सर्वजित |
जिसे सारी बातों का ज्ञान हो | सर्वज्ञ |
जो सबको प्रिय हो | सर्वप्रिय |
सब कुछ खाने वाला | सर्वभक्षी |
जो सभी युगों (समय) के अनुकूल हो | सर्वयुगानुकूल |
जो सबमें व्याप्त है | सर्वव्यापी |
जो सर्वशक्तिसम्पन्न है | सर्वशक्तिमान् |
सबके लिये प्राप्त | सर्वसुलभ |
जो सव्य (बायें) हाथ से भी काम कर लेता हो | सव्यसाची (अर्जुन) |
पति या पत्नी के पिता का घर या ससुर (श्वसुर) का घर | ससुराल (श्वशुरालय) |
साथ मिलकर काम करना | सहयोग |
साथ काम करने वाला | सहयोगी, सहकर्मी, सहकर्ता, सहायक |
गर्भ की अवस्था में ब्याही हुई कन्या का पुत्र, वह पुत्र जिसकी माता विवाह से पूर्व ही गर्भवती रही हो | सहोढ़ |
जो एक ही माता के उदर (पेट) से उत्पन्न हुए हों | सहोदर |
जिसके फलस्वरूप मृत्यु हो जाये, प्राण पर संकट लाने वाला | सांघातिक |
जिसका संबंध संसार या संसार के विषयों से हो | सांसारिक |
जो अक्षरों को पढ़ना-लिखना जानता हो, जिसे अक्षर-ज्ञान हो | साक्षर |
जो सिद्ध या पूरा किया जा सके | साध्य |
खली-कराई में सानकर दिया जाने वाला चारा | सानी |
उच्चवर्गीय (ज़मींदारों/सामंतों) शासन | सामन्तशाही, सामंतवाद |
वर्तमान समय या ठीक समय पर होने वाला | सामयिक |
समाज से संबंधित; समाज का | सामाजिक |
मांस से युक्त | सामिष |
समूह से संबंधित या समूह द्वारा होने वाला | सामूहिक |
भगवान विष्णु / श्रीकृष्ण के धनुष का नाम | सारंग |
सब समय के लिये उपयुक्त, सब काल संबंधी | सार्वकालिक |
सर्वसाधारण से संबंधित या जो सबके लिये उपयोगी हो | सार्वजनिक |
सब भूमि या सब देशों में होने वाला, सारी पृथ्वी पर शासन करने वाला | सार्वभौम |
संपर्ण पृथ्वी पर फैला हुआ | सार्वभौमिक |
जो अवधानपूर्वक कोई काम करता हो | सावधान |
साहित्य से संबंधित | साहित्यिक |
सिंदूर रखने की काठ की डिबिया | सिंधोरा (सिंधौरा) |
सिंह (शेर) का बच्चा | सिंहशावक |
जिसका प्रयोजन सिद्ध हो चुका हो | सिद्धकाम |
जिसका गला या गले का स्वर अच्छा हो | सुकंठ |
जो सुख देता हो या सुख देने वाला | सुखद |
जिसका अंत सुखद हो या सुखमय परिणामवाला | सुखांत |
सुख में अतः होने वाली रचना | सुखांतक |
(मकान में) सुविधा का अधिकार या हक | सुखाधिकार |
सुगमता से ग्रहण करने योग्य | सुग्राह्य |
जिसकी ग्रीवा (गर्दन) सुन्दर हो | सुग्रीव |
देखने में सुंदर, भगवान विष्णु (श्रीकृष्ण) द्वारा धारण किया गया चक्र | सुदर्शन |
सुंदर (सु) आँखों (नयन) वाली | सुनयना |
सौभाग्यवती स्त्री, वह स्त्री जो अपने पति को प्रिय हो | सुभगा |
नव विवाहिता स्त्री (वधू), कन्या पक के पुरोहित को मिलने वाली सिंदूरदान की दक्षिणा या विवाह में सप्तपदी पूजा के बाद पुरोहित को दी जानेवाली दक्षिणा | सुमंगली |
छोटी जपमाला | सुमिरनी, सुमरनी |
सुंदर (सु) आँखों (लोचन) वाली | सुलोचना |
अच्छा (सु) पढ़ा-लिखा | सुशुक्षित |
अच्छी (सु) पढ़ी-लिखी (स्त्री) | सुशिक्षिता |
अविवाहित स्त्रियों के नाम के पहले लगने वाला आदरसूचक और शिष्टता पूर्ण संबोधन | सुश्री |
सोया हुआ | सुषुप्त |
सोने होने की अवस्था, प्रगाढ़ निद्रावस्था | सुषुप्ति |
वह जो सुंदर हृदय वाला हो | सुहृद (सुहृत्) |
सुंदर हृदय वाला | सुहृदय |
सौर जगत् का मुखिया या तारा, जिसकी अन्य ग्रह परिक्रमा करते हैं | सूर्य |
ब्याज (सूद) से जीविका चलाने वाला | सूदखोर |
चोरी के लिये मकान की दीवार में किया गया बड़ा-सा छेद | सेंध (नकब) |
सेना का नायक या सेना का संचालक | सेनापति, सेनानायक |
सेवा के योग्य | सेव्य |
सुजन (अच्छा मनुष्य) होने की अवस्था, गुण या भाव | सुजनता, सज्जनता, सौजन्य |
जो आसानी से मिल सके या उपलब्ध हो | सुलभ |
सेना का पड़ाव शिविर | सैन्यवास |
वह स्त्री जिसका सुहाग (सौभाग्य या पति) जीवित हो | सुहागिन, सौभाग्यवती, अहिवाती |
स्त्री का सा या स्त्री के वश में रहने वाला | स्त्रैण |
जो एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर भेज दिया गया हो | स्थानान्तरित |
हमेशा बना रहने वाला, निर्धारित काल तक चलता रहने वाला | स्थायी |
जिसमें स्नान किया जा सके | स्नानीय |
जिसने अस्थायी रूप से किसी का स्थान (पद) ग्रहण किया हो | स्थानापन्न |
जो एक जगह से दूसरी जगह न ले जाया जा सके | स्थावर |
किसी काम में दूसरे से आगे बढ़ जाने की इच्छा या उद्योग | स्पर्द्धा |
जो स्मरण रखे जाने योग्य हो | स्मरणीय |
जो अपने नाम से धन्य (प्रसिद्ध) हो | स्वनामधन्य |
वह पुत्र जो अपने मातापिता के मर जाने अथवा उनके द्वारा परित्यक्त होने पर अपने आपको किसी के हाथ सौंप दे और उसका पुत्र बन जाय | स्वयंदत्त |
स्वयं भोजन बनाने वाला | स्वयंपाकी |
जो आप से आप उत्पन्न हुआ हो | स्वयंभू |
स्वयं पति चुनाव का समारोह, पति चयन संबंधी उत्सव | स्वयंवर |
अपनी ही इच्छानुसार पति का वरण करने वाली स्त्री | स्वयंवरा |
जो स्वेच्छा से किसी सेवा कार्य में लगता हो | स्वयंसेवक |
जो स्वर्ग सिधार गया हो | स्वर्गीय, स्वर्गवासी, दिवंगत |
स्वर्ण (सोना), चाँदी जैसी बहुमूल्य धातुओं के आभूषण बनाने वाला | स्वर्णकार (सुनार) |
अपने (स्वयं) के अधीन (वश) होकर | स्ववश, स्ववश्य |
जो किसी के अधीन या पराधीन न हो | स्वाधीन |
अपनी आत्मा के सुख के लिये या अपनी प्रसन्नता के लिये | स्वांतःसुखाय |
स्वतंत्रता के बाद | स्वातंत्र्योत्तर |
जो स्व (खुद) का अर्थी (भला) चाहने वाला हो | स्वार्थी |
जो सब काम अपने भरोसे करता हो | स्वावलंबी |
जो स्वास्थ्य को अच्छा करे | स्वास्थ्यकर |
अपनी इच्छा के अनुसार आचरण करने वाला या मनमाना आचरण करने वाला | स्वेच्छाचारी, निरंकुश |
स्वेद (पसीना) से उत्पन्न होने वाला | स्वेदज |
व्याभिचारिणी या दुराचारिणी स्त्री | स्वैरिणी, पुंश्चली |
‘ह’
वाक्यांश | एक शब्द |
हंस की चाल वाली स्त्री नायिका | हंसगामिनी |
दूसरों को जान से मार डालने वाला | हत्यारा |
सेना का वह भाग जो सबसे आगे रहता है | हरावल |
वह जो हल को धारण करता हो | हलधर (बलरामजी, कृषक) |
किसी व्यक्ति द्वारा हलफ़ (शपथ) के साथ लिखा हुआ न्यायालय में प्रस्तुत पत्र | हलफनामा (शपथपत्र) |
अनेक प्रकार की मिठइयाँ बनाकर बेचने वाला दूकानदार | हलवाई |
किसी देवता के निमित्त मंत्र पढ़कर घी, जौ, तिल आदि अग्नि में डालने का कृत्य | हवन, होम |
हवा में उड़ने, रहने या होनेवाला | हवाई |
देवता के निमित्त अग्नि में दिया जानेवाला घी, जौ या इसी प्रकार की सामग्री, वह द्रव्य जिसकी आहुति दी जाय, हवन की वस्तु | हवि |
हवन के योग्य सामग्री, हवन के लिये तैयार किया गया | हविष्य |
हाथ की कारीगरी या हाथ का कौशल | हस्तकौशल, हस्तशिल्प |
हाथ में आ जाने जाने वाली छोटी किताब | हस्तपुस्तिका |
अनावश्यक और अनाधिकार दख़ल देना | हस्तक्षेप |
जो हाथ से लिखा गया हो | हस्तलिखित |
किसी काम में हाथ चलाने की निपूणता, हाथ की फुरती, हाथ का कौशल | हस्तलाघव, हस्तकौशल |
वह जिसके पास संपत्ति या अधिकार सौंपा गया हो | हस्तांतरित |
जिसका उत्साह नष्ट (हत) हो गया हो | हतोत्साहित |
जिसे देखकर लोग मजाक उड़ायें | हास्यास्पद |
हिंद या हिंदुस्तान की भाषा | हिंदी |
भला या हित चाहने वाला | हितैषी |
मंगल कामना या शुभकामना | हितैष्णा |
तरफ़दारी करने वाला, वह जो रक्षा और मदद करता हो | हिमायती |
वह जो तर्क-वितर्क और कहासुनी करता हो | हुज्जती |
आहुति के रूप में दिया हुआ, पूर्ण समर्पण किया गया, हवन की वस्तु | हुत |
अच्छे कार्य में स्वयं को बलि देने वाला शहीद | हुतात्मा |
जिसे देख सुनकर हृदय फटता या विदीर्ण होता हो | हृदयविदारक |
मन में करुण भाव उत्पन्न कर उसे द्रवित करने वाला या हृदय को छूने वाला | हृदयस्पर्शी |
वह जो हृदय पर राज करता हो या हृदय का ईश्वर | हृदयेश, हृदयेश्वर (पति) |
वह जो हृदय पर राज करती हो | हृदयेशा, हृदयेश्वरी (पत्नी) |
जो होकर रहे या ऐसी घटना जो अवश्य घटित हो | होनी, होनहार, भवितव्यता |
हाथी की पीठ पर रखी जाने वाली चौकी | हौदा |
समय से जुड़े वाक्यांश के एक शब्द
वाक्यांश | एक शब्द |
रात्रि एवं सुबह के बीच का समय | उषाकाल (ऊषाकाल) |
सुबह कौवे के बोलने का समय | भोर |
सूर्य की लालिमा दिखने का समय | अरुणोदय काल |
सूर्य निकलने का समय | सूर्योदय काल |
सूर्योदय से नौ बजे सुबह तक का पहर | प्रातःकाल |
दोपहर के पहले का समय | पूर्वाह्न |
दोपहर का समय | मध्याह्न |
दोपहर के बाद का समय | अपराह्न |
सूर्य के अस्त होने का समय | संध्याकाल |
संध्या एवं रात्रि के बीच का समय जब गायें चरकर लौटती हैं | गोधूलि |
रात्रि का प्रथम पहर | प्रदोष |
रात्रि का दूसरा पहर | द्वियामा |
अर्द्धरात्रि का समय | निशीथ |
रात्रि का तीसरा पहर | त्रियामा |
रात्रि का चौथा पहर | ब्रह्ममुहूर्त |
तारों भरी रात | विभावरी |
चाँदनी रात | शर्वरी |
स्थान से जुड़े वाक्यांश और एक शब्द
वाक्यांश | एक शब्द |
पर्वत के नीचे की समतल भूमि | उपत्यका |
पर्वत के ऊपर की समतल भूमि | अधित्यका |
पर्वतीय प्रदेशों के मध्य का मैदान | घाटी |
दो पर्वतों के बीच का स्थान | द्रोणी |
पर्वत के पाद-प्रदेश से लगा हुआ क्षेत्र | तराई |
हरा-भरा मैदान | शाद्वल |
बालुकामय प्रदेश | मरुभूमि, मरुस्थल |
समुद्र तट पर स्थित भूमि | तटीय |
जलासिक्त भूमि | आर्द्रभूमि |
बिना हल जोते उगने वाली फसल | अकृष्टपच्य |
वह भूमि जो पहले न जोती गई हो | अकृष्टपूर्वा |
जो जोता-बोया न गया हो | अकृष्ट, अकृषित |
पृथ्वी का वह भाग जो दूर तक समुद्र में चला गया हो | अंतरीप |
पुष्प से जुड़े वाक्यांश के लिये एक शब्द
वाक्यांश | एक शब्द |
वह फूल जो खिला न हो | कली |
वह फूल जो खिलने जा रहा हो | मुकुल |
कमल की डण्डी | मृणाल |
तालाब में खिला हुआ कमल | सरसिज |
लाल कमल | कोकनद |
सफेद कमल या श्वेत कमल | पुंडरीक |
जिसका गला नीले रंग का हो, नीले कंठ वाला | नीलकंठ (शिवजी, एक पक्षी का नाम) |
नीले रंग का कमल | नीलकमल, निलोत्पल, इंदीवर |
पंक (कीचड़) में खिला कमल का फूल | पंकज |