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संवाद लेखन क्या है और कैसे करें | How to write Samvad in Hindi
संवाद लेखन व्याकरण का एक अंग है, जो कक्षा दसवीं तक की परीक्षाओं में अधिकतर पूछा जाता है। इसमें दो व्यक्तियों की मौखिक बातचीत को लिखित रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
संवाद लेखन का फॉर्मेट निम्नलिखित होता है:
- प्रारंभिक सलाम: संवाद में पहले व्यक्ति को नमस्ते, जय श्री कृष्ण, आदि के साथ स्वागत किया जाता है।
- संवाद के मुख्य भाग: इसमें दोनों पक्षों की बातचीत की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति की बात को उद्धृत किया जा सकता है और उसके उत्तर में दूसरे व्यक्ति के विचार दिए जा सकते हैं।
- संवाद का समापन: संवाद को समाप्त करते समय धन्यवाद या शुभकामनाओं के शब्द कहे जाते हैं।
उदाहरण के लिए:
अजय: नमस्ते, क्या हाल है?
सोनिया: नमस्ते, मैं ठीक हूँ। तुम्हारा दिन कैसा गया?
अजय: मेरा दिन अच्छा गया। काम में थोड़ी सी चुनौतियाँ थीं, लेकिन सब ठीक हो गया।
सोनिया: अच्छा, वास्तव में बहुत अच्छा है। मेरा भी दिन अच्छा था।
अजय: यह सुनकर अच्छा लगा। चलो, फिर मिलेंगे।
सोनिया: हां, जरूर। धन्यवाद।
यह एक साधारण संवाद का उदाहरण है। आप अपने विचारों और स्थिति के अनुसार इसे संशोधित कर सकते हैं।
संवाद लेखन के नियम:
- संवाद संक्षिप्त, सारगर्भित और विषय से संबंधित होने चाहिए।
- भाषा सरल होनी चाहिए।
- पात्रों की आयु, ज्ञान, स्थिति आदि का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
- संवाद लिखते समय उचित विराम चिन्हों का प्रयोग करना चाहिए।
- आत्मीयता लाने हेतु उचित संबोधनो का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- संवादों में प्रभाव होना चाहिए और आपस में संबंध होना चाहिए।
- संवाद लेखन के अंत में वार्ता पूरी होनी चाहिए।
संवाद लेखन के लिए कुछ मुख्य स्किल्स की आवश्यकता होती हैं:
- भाषा कौशल: संवाद में स्पष्ट, सरल और संवेदनशील भाषा का प्रयोग करना आवश्यक होता है।
- सुनने की क्षमता: संवाद के प्रत्येक पक्ष की सुनने की क्षमता होना चाहिए ताकि सही प्रतिक्रिया दी जा सके।
- संवेदनशीलता: अच्छे संवाद के लिए संवेदनशीलता और समझदारी की आवश्यकता होती है।
- संरचना: संवाद को ठीक से संरचित करने की क्षमता भी आवश्यक है।
- विचारशीलता: संवाद में विचारों को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से प्रकट करने की क्षमता होनी चाहिए।
- सहयोगी दृष्टिकोण: अच्छे संवाद के लिए सहयोगी दृष्टिकोण और समाधानशील भावना की आवश्यकता होती है।
- संवाद लेखन में कुछ महत्वपूर्ण स्किल्स की आवश्यकता होती हैं। ये स्किल्स निम्नलिखित हैं:
- समझने की क्षमता: दूसरे व्यक्ति के विचारों को समझने और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देने की क्षमता बहुत महत्वपूर्ण है।
ये स्किल्स संवाद लेखन में महत्वपूर्ण होते हैं ताकि संवाद सही संदेश को सही तरीके से साझा कर सके और समझाया जा सके।
संवाद लेखन के उदाहरण:
- प्राचार्य और छात्र के मध्य प्रवेश को लेकर बातचीत का संवाद लेखन:
- छात्र: “श्रीमान, क्या मैं अंदर आ सकता हूं?”
- प्राचार्य: “हां, आओ! तुम विद्यालय में प्रवेश कर सकते हो।”
- छात्र: “(प्रवेश करके) मैं आपके विद्यालय में प्रवेश चाहता हूं।”
- प्राचार्य: “वहां कौन सी कक्षा में पढ़ रहे थे?”
- छात्र: “आठवीं कक्षा में, श्रीमान! यह है मेरा प्रगति पत्र और विद्यालय छोड़ने की टी.सी।”
- प्राचार्य: “(प्रगति पत्र और टी.सी. देखकर)